अमित शाह ने मणिपुर में शांति लाने का वादा किया, विवादास्पद कानून AFSPA पर 'मौन' नजर आए

अमित शाह ने कहा, "हम पर भरोसा रखें, हम सभी कुकी संगठनों से बात करेंगे और सभी कुकी युवाओं को एक नया जीवन दिया जाएगा ताकि वे पीएम मोदी के तहत देश, पहाड़ियों और मणिपुर के विकास में शामिल हो सकें."

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अमित शाह ने दावा किया कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने पिछले पांच वर्षों में राज्य को बंद और नाकेबंदी से मुक्त किया है
इंफाल:

मणिपुर में अगले सप्ताह से शुरू होने वाले चुनावों के मद्देनजर बुधवार को पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रचार अभियान में विवादास्पद सैन्य कानून AFSPA को लेकर बढ़ते तनाव पर किसी तरह की चर्चा शामिल नहीं थी. हालांकि उन्होंने राज्य के कुकी आतंकवादी समूहों के साथ शांति वार्ता करने और अगले पांच साल में शांति लाने का वादा किया. दरअसल, राज्य में विधानसभा चुनाव दो चरणों में 28 फरवरी और 5 मार्च को होंगे और मतों की गिनती 10 मार्च को होगी.

मणिपुर के चुराचंदपुर जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि जैसा कि पड़ोसी असम में बोडो उग्रवाद की समस्या हल हो गई है, वैसे ही किसी भी कुकी युवा को अब हथियार नहीं उठाने होंगे. हालांकि इस दौरान वह सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) पर पूरी तरह से चुप नजर आए, जो पूर्वोत्तर के अधिकांश हिस्सों पर सेना को व्यापक अधिकार देता है. ये दिसंबर में नागालैंड में एक असफल मुठभेड़ के बाद 14 स्थानीय लोगों और एक सैनिक के मारे जाने के बाद अधिक चर्चा का विषय बना. 

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कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट जैसे उग्रवादी संगठन मणिपुर में कुकी जनजाति के लिए एक अलग राज्य की मांग कर रहे हैं. सरकार ने उनके साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (SoO) साइन किया है.

अमित शाह ने कहा, "हम पर भरोसा रखें, हम सभी कुकी संगठनों से बात करेंगे और सभी कुकी युवाओं को एक नया जीवन दिया जाएगा ताकि वे पीएम मोदी के तहत देश, पहाड़ियों और मणिपुर के विकास में शामिल हो सकें."

शाह ने दावा किया, "हम उन्हें (बोडो विद्रोहियों को) विकास के पथ पर ले आए हैं और आज किसी भी बोडो युवाओं के हाथ में हथियार नहीं हैं. इसके बजाय, उनके पास मोटरसाइकिल की चाबियां, उद्योगों की चाबियां और लैपटॉप हैं. कार्बी क्षेत्रों में भी ऐसा ही किया गया है और पूर्वोत्तर में उग्रवाद से जुड़े 9,500 से अधिक लोगों ने आत्मसमर्पण किया है और मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं."

मणिपुर में लगातार दूसरी बार भाजपा को सत्ता में वापस लाने के लिए लोगों से आग्रह करते हुए शाह ने दावा किया कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने पिछले पांच वर्षों में राज्य को बंद और नाकेबंदी से मुक्त किया है और शांति व विकास के लिए राज्य का नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए दावा किया कि राज्य कांग्रेस के शासन के दौरान उग्रवाद, ड्रग्स व हथियारों की तस्करी, नाकेबंदी और भ्रष्टाचार के लिए जाना जाता था.

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में तीन 'आई' थे- अस्थिरता, उग्रवाद और असमानता. भाजपा के शासन में इन सभी को विकास, कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचे, खेल और उद्योगों के साथ प्रतिस्थापित किया गया है. राज्य पिछले पांच वर्षों में "बदल गया" है.

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उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस चाहती है कि पहाड़ी और घाटी के लोग उसकी राजनीति के अनुकूल एक-दूसरे के खिलाफ लड़ें, जबकि भाजपा ने दोनों को विकास के पथ पर अग्रसर किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर को देश का सबसे अच्छा खेल केंद्र बनाना चाहते हैं, युवाओं को ड्रग्स और हथियारों से मुक्त करना चाहते हैं और उन्हें ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बनाना चाहते हैं.

शाह ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है, जबकि स्थानीय प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान करने के लिए राज्य के 16 जिलों में से प्रत्येक में एक खेलो इंडिया केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. राज्य स्तर के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करने के लिए 10 एकड़ में फैले 'ओलंपिक पार्क' का निर्माण किया जाएगा ताकि वे अंतरराष्ट्रीय एथलीट बन सकें.

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उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में भाजपा सरकार ने मणिपुर में हिंसा को समाप्त करने और इसे एक आदर्श राज्य बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है और अगले पांच वर्षों में यह पूरे क्षेत्र में सबसे अच्छा राज्य होगा.

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