अमित शाह फोन कॉल मामला : जयराम रमेश क्या फंस गए? महेश जेठमलानी ने की कार्रवाई की मांग

अमित शाह पर जयराम रमेश ने गंभीर आरोप लगाए थे लेकिन अब लगता है कि इस मामले में वह फंस सकते हैं. चुनाव आयोग ने उन्हें आरोपों के सबूत सौंपने को कहा था, लेकिन वह अब अतिरिक्त समय मांग रहे हैं.

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महेश जेठमलानी ने चुनाव आयोग से जयराम रमेश पर इस मामले में कार्रवाई की मांग की है.

Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) पर क्या चुनाव आयोग कार्रवाई करेगा या उन्हें 7 दिनों की मोहलत मिलेगी? अभी इस सवाल का जवाब नहीं मिला है लेकिन, वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने चुनाव आयोग से जयराम रमेश पर उचित कार्रवाई की मांग की है.एक्स पर पोस्ट कर महेश जेठमलानी ने कहा कि जयराम रमेश ने जानबूझकर हमारी चुनावी प्रणाली पर कीचड़ उछाला है. ऐसे में चुनाव आयोग को उनपर उचित कार्रवाई कर देनी चाहिए.

महेश जेठमलानी ने लिखा, "जयराम रमेश उस समय चुनाव आयोग की सीमा का पालन करने में विफल रहे हैं. चुनाव आयोग ने उनके 150 डीएम को धमकाने वाले दावे को सबूत के साथ पेश करने का निर्देश दिया था. ऐसा करने के लिए जयराम ने 7 दिन का समय मांगा है. साफ है कि जयराम रमेश ने जब यह अविश्वसनीय दावा किया तो उनके पास कोई सबूत नहीं था और वे समय की देरी कर रहे हैं. चुनाव आयोग को हमारी चुनावी प्रणाली पर कीचड़ उछालने के  जानबूझकर किए गए प्रयास पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए.

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क्या है मामला?
जयराम रमेश ने 1 जून को एक्स पर पोस्ट कर आरोप लगाया था कि गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने 4 जूनको होने वाली मतगणना से पहले जिला अधिकारियों को कॉल किए और उन्हें धमकाया. इसके एक दिन बाद रविवार को चुनाव आयोग (EC) ने कहा कि किसी भी अधिकारी ने किसी भी तरह के "अनुचित दबाव" बनाए जाने की सूचना नहीं दी है. आयोग ने कांग्रेस नेता रमेश से 3 जून की शाम 6 बजे तक अपने आरोप के समर्थन में विवरण मांगा, ताकि कार्रवाई की जा सके.

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जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा- ''निवर्तमान गृह मंत्री आज सुबह से जिला कलेक्टर्स से फोन पर बात कर रहे हैं. अब तक 150 अफसरों से बात हो चुकी है. अफसरों को इस तरह से खुल्लमखुल्ला धमकाने की कोशिश निहायत ही शर्मनाक है एवं अस्वीकार्य है. याद रखिए कि लोकतंत्र जनादेश से चलता है, धमकियों से नहीं. जून 4 को जनादेश के अनुसार नरेंद्र मोदी, अमित शाह व भाजपा सत्ता से बाहर होंगे एवं INDIA जनबंधन विजयी होगा. अफसरों को किसी प्रकार के दबाव में नहीं आना चाहिए व संविधान की रक्षा करनी चाहिए. वे निगरानी में हैं.'' 

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चुनाव आयोग ने यह कहा था 
इसके बाद चुनाव आयोग ने जयराम रमेश को लिखे गए पत्र में कहा कि, "इस संबंध में यह ध्यान देने योग्य है कि आदर्श आचार संहिता के लागू होने की अवधि में सभी अधिकारी आयोग की प्रतिनियुक्ति पर माने जाते हैं और वे किसी भी निर्देश के लिए सीधे आयोग को रिपोर्ट करते हैं. हालांकि किसी भी डीएम ने आपके द्वारा लगाए गए किसी भी अनुचित प्रभाव की सूचना नहीं दी है. इसलिए एक राष्ट्रीय पार्टी के जिम्मेदार, अनुभवी और बहुत वरिष्ठ नेता होने के नाते आपको उन 150 डीएम का ब्यौरा (जिन्हें गृह मंत्री की ओर से कथित रूप से इस तरह के कॉल किए गए हैं) सभी तथ्यों के साथ 2 जून, 2024 को शाम 6 बजे तक चुनाव आयोग से साझा करना चाहिए, ताकि समुचित कार्रवाई की जा सके."

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