अग्निपथ योजना को लेकर देशभर में मचे बवाल के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने शनिवार को कहा कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती होने वाले अग्निवीरों का भविष्य सुरक्षित ही नहीं बल्कि स्वर्णिम भी होगा. उन्होंने कहा कि गृहमंत्रालय द्वारा 4 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले अग्निवीरों के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों व असम राइफल्स में 10% रिक्तियां आरक्षित करने के साथ ही प्रवेश की आयु सीमा में 03 वर्ष की छूट देने का निर्णय अभिनंदनीय है. इन अग्निवीरों को बाद में सिर्फ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलो में ही नौकरी नहीं मिलेगी बल्कि रक्षा मंत्रालय इन्हें अपनी भर्तियों में भी 10 प्रतिशत आरक्षण देने जा रहा है. यह अभिनंन्दनीय हैं. यह मां भारती के सेवकों के लिए एक सुनहरा अवसर सिद्ध होगा. सीएम योगी ने अग्निपथ योजना और अग्निवीरों को अन्य नौकरियों में आरक्षण देने की घोषणा करने के लिए पीएम मोदी का आभार भी व्यक्त किया है.
बता दें कि इससे पहले सीएम योगी ने राज्य में हुई हिंसा को लेकर पिछले दिनों अपर मुख्य सचिव गृह को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिया था. सीएम ने किसी भी निर्दोष को नहीं छेड़ने और एक भी दोषी को नहीं छोड़ने की बात कही थी. सीएम योगी ने मामले में पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई की समीक्षा की. उन्होंने आदेश दिया है कि कार्रवाई ऐसी हो कि मिसाल बन जाए. सीएम के सरकारी आवास पर आयोजित समीक्षा बैठक में योगी आदित्यनाथ ने अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि मामले में एक-एक व्यक्ति की सीसीटीवी और अन्य वीडियो के माध्यम से पहचान कर कार्रवाई की जाए.
आरोपियों के घर हो रहे बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर प्रशासन की तरफ से कहा गया था कि यूपी गैंगेस्टर एक्ट की धारा 14ए के तहत अवैध रूप से कमाई गई संपत्ति का धवस्तीकरण या जब्तीकरण किया जा रहा है. ग्राम पंचायत की भूमि पर अतिक्रमण, अवैध कब्जे या दुरुपयोग रोकने के लिए राजस्व संहिता की धारा 67 में प्रावधान है.
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अग्निपथ योजना का उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी विरोध