टाटा-एयरबस द्वारा विमान निर्माण परियोजना के लिए गुजरात को चुनने को लेकर उठे विवाद के बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि कंपनी के अधिकारियों ने पिछले साल राज्य में अनुकूल माहौल की कमी पर अफसोस जताया था. गौरतलब है कि इस परियोजना के गुजरात जाने के पीछे केन्द्र का हाथ बताते हुए राज्य के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने फडणवीस के इस दावे को खारिज किया था. आदित्य ने दावा किया कि टाटा-एयरबस के अधिकारियों ने राज्य की तत्कालीन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार से कहा था कि उन्हें जहां भी केंद्र सरकार कहेगी, वहीं विमान निर्माण संयंत्र स्थापित करना होगा.
शिवसेना विधायक ने फडणवीस के इस दावे का भी खंडन किया कि पिछली महा विकास आघाड़ी सरकार ने राज्य में वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर संयंत्र को राज्य में बनाए रखने के लिए कुछ नहीं किया, जो अंततः गुजरात में स्थानांतरित हो गया. उन्होंने कहा कि इस साल की शुरुआत में वेदांता के अधिकारियों और पिछली सरकार के बीच कई बैठकें हो चुकी हैं.
महाराष्ट्र से गुजरात के वडोदरा जाने वाले सी-295 सैन्य परिवहन विमान के निर्माण की 22,000 करोड़ रुपये की परियोजना को लेकर सत्तारूढ़ एकनाथ शिंदे नीत सरकार और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेतृत्व वाले विपक्ष के बीच वाकयुद्ध छिड़ा हुआ है. इससे पहले दिन में फडणवीस ने दावा किया कि एयरबस परियोजना को स्थानांतरित करने का निर्णय तब लिया गया था जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे.
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