उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से हाई प्रोफाइल सीट अमेठी (Amethi Loksabha Election Result) पर सबकी निगाहें जमी हुई हैं. इस सीट पर बीजेपी ने स्मृति ईरानी (Smriti Irani) को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने केएल शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है. पिछले चुनाव में स्मृति ईरानी ने अमेठी में शानदार प्रदर्शन कर कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी को हरा दिया था. अब अमेठी सीट उनके लिए साख की लड़ाई है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि स्मृति अमेठी में हार की तरफ बढ़ रही हैं. वह करीब 40 हजार वोटों से पीछे चल रही हैं.गांधी परिवार के करीबी किशोरीलाल शर्मा स्मृति ईरानी को कड़ी टक्कर देते नजर आ रहे हैं.
अमेठी सीट पर स्मृति ईरानी केएल शर्मा से पीछे
अमेठी में कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा 122767 वोटों से लीड कर रहे हैं, जबकि स्मृति ईरानी 85127 वोटों के साथ पीछे चल रही हैं. यह आंकड़े काफी चौंका देने वाले हैं. "कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता, कोई एक पत्थर तबीयत से उछाले तो सही...." स्मृति ईरानी ने यह बात 2019 का चुनाव राहुल गांधी से जीतने के बाद कही थी. लेकिन अभी वह काफी वोटों के अंतर से कांग्रेस से पीछे चल रही हैं. अमेठी सीट इसलिए भी चर्चा में है, क्यों कि गांधी परिवार से इसका जुड़ाव रहा है. राहुल गांधी नेइस सीट से 2004 में पहली बार चुनाव जीता था. लेकिन 2019 के चुनाव में उन्हें स्मृति ईरानी ने करारी शिकस्त दी थी.
गांधी परिवार के करीबी केएल शर्मा अमेठी के मैदान में
इस बार चर्चा थी कि कांग्रेस अमेठी से राहुल गांधी को उम्मीदवार बनाएगी. लेकिन कांग्रेस ने सबको हैरान करते हुए किशोरी लाल शर्मा को उम्मीदवार बना दिया. पिछले 20 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब गांधी परिवार इस सीट पर चुनाव नहीं लड़ रहा है. अमेठी सीट पर इस बार कुल 13 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
अमेठी में पांचवें चरण में 20 मई को वोट डाले गए थे. चुनाव आयोग के मुताबिक अमेठी में कुल 54.34 फीसदी मतदान हुआ था. अगर विधानसभा वार मतदान की बात करें तो गौरीगंज में 55.34 फीसदी, अमेठी में 51.43 फीसदी, तिलोई में 56.52 फीसदी, जगदीशपुर में 53.51 फीसदी और सलोन में 54.85 फीसदी वोट डाले गए.
अमेठी सीट कांग्रेस के लिए साख की लड़ाई
अमेठी कांग्रेस के लिए आज भी साख का सवाल है, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गांधी परिवार का कोई उम्मीदवार नहीं उतारे जाने के बाद भी प्रियंका गांधी ने अंत तक प्रचार का जिम्मा संभाला. उन्होंने गली-गली और गांव-गांव घूमकर कांग्रेस उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा के लिए वोट मांगे. वहीं बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी के लिए प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के बड़े बीजेपी नेताओं प्रचार किया. प्रचार के अंतिम दिन तो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ईरानी के समर्थन में रोड शो भी किया था.