अमरनाथ की पवित्र गुफा की ओर जाने वाले रास्तों पर यात्रा के दबाव को कम करने के लिए गृह मंत्रालय (MHA) ने श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (SASB) को श्रीनगर से पंचतरणी के लिए सीधे हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने के लिए कहा है. फिलहाल बालटाल और पहलगाम से पंचतरणी तक यात्रियों के लिए हेलिकॉप्टर सेवा उपलब्ध हैं.
बालटाल करीब 93 और पहलगाम श्रीनगर से करीब 90 किलोमीटर दूर है. इस साल एक नया रास्ता जोड़ा जा रहा है, जो श्रीनगर हवाई अड्डे के निकट बडगाम से पंचतरणी तक होगा.
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, "सरकार इस यात्रा में भारी भीड़ की उम्मीद कर रही है, इसलिए पिछले हफ्ते हुई बैठक में यह तय किया गया कि श्रीनगर से भी यात्रियों को हेलीकॉप्टर सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं."
अधिकारी के अनुसार, "एसएएसबी को यह भी जांचने के लिए कहा गया है कि क्या अमरनाथ गुफा की तलहटी में भी हेलिकॉप्टर उतारना संभव होगा. अभी तक केवल वीवीआईपी को ले जाने वाले हेलिकॉप्टर ही गुफा के पास उतरते हैं. इससे दूरी भी कम होगी और एक दिन में अधिक यात्री दर्शन कर सकते हैं."
भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर बनाए गए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार, केवल 15000 पंजीकृत श्री अमरनाथ यात्रा तीर्थयात्रियों को एक दिन में पहलगाम और बालटाल से आगे जाने की अनुमति है. जिसमें बालटाल ट्रैक और पहलगाम ट्रैक से प्रत्येक में 7500 लोग शामिल हैं.
इसमें उन यात्रियों को शामिल नहीं किया गया है जो पंजतरणी के लिए किसी भी मार्ग पर हेलीकॉप्टर से यात्रा करेंगे. सरकार इस योजना के लिए भी उत्सुक है, क्योंकि इसका मतलब यह भी होगा कि बालटाल और पहलगाम तक जाने वाली सड़क पर यात्रियों की संख्या कम होगी, जिससे जोखिम भी कम होगा.
इस साल यह यात्रा 30 जून से 43 दिनों तक चलेगी. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक यात्रा को निशाना बनाए जाने की धमकी भी मिली है. कश्मीर फाइटर आतंकी समूह जो जैश का एक ऑफ शूट है. कश्मीर में कई जगहों पर सुरक्षा बलों को परिणाम भुगतने की चेतावनी देते हुए पत्र और पोस्टर देखे गए हैं.
आंकड़ों के अनुसार इस साल जून तक जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों ने 96 आतंकवादियों को ढेर किया है, जिनमें से 30 विदेशी आतंकवादी थे.
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