केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर शुक्रवार को एक बैठक में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के अलावा खुफिया एजेंसियों, अर्धसैनिक बलों, पुलिस और नागरिक प्रशासन के शीर्ष अधिकारी श्रीनगर में आयोजित इस बैठक में शामिल हुए.
सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में गृह मंत्री ने सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया और उन्हें केंद्रशासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति की विस्तृत जानकारी दी गई. उन्होंने बताया कि शाह को अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ-साथ नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति से अवगत कराया गया.
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण माहौल सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को आवश्यक निर्देश दिए. यह सुरक्षा समीक्षा बैठक वार्षिक अमरनाथ यात्रा के शुरू होने से कुछ दिन पहले हुई है.
दक्षिण कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तीर्थस्थल के लिए एक जुलाई से यह यात्रा शुरू हो रही है, जो 31 अगस्त को समाप्त होगी.
नई दिल्ली में नौ जून को आयोजित एक बैठक में शाह ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की प्राथमिकता सुगम अमरनाथ यात्रा सुनिश्चित करना है. उन्होंने तब अधिकारियों को जम्मू-कश्मीर में पूरे तीर्थयात्रा मार्गों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने का निर्देश दिया था.
अमरनाथ तीर्थयात्रा जम्मू और कश्मीर में दो मार्गों - बालटाल और पहलगाम से होती है. सभी तीर्थयात्रियों को आरएफआईडी कार्ड दिए जाएंगे ताकि उनके वास्तविक स्थान का पता लगाया जा सके और सभी को पांच लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाएगा.
सूत्रों ने बताया कि तीर्थयात्रियों को ले जाने वाले प्रत्येक जानवर के लिए 50,000 रुपये का बीमा कवर होगा.
सूत्रों के मुताबिक पिछले साल करीब 3.45 लाख लोगों ने पवित्र हिम शिवलिंग के दर्शन किए थे, और इस बार यह संख्या पांच लाख तक पहुंच सकती है.
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