पाकिस्तान की उड़ेगी नींद! तीनों सेनाओं ने सीमा पर शुरू किया 'त्रिशूल' अभ्यास

भगवान शिव के त्रिशूल के नाम पर हो रहा यह सैन्य अभ्यास तीनो सेनाओं की संयुक्त शक्ति का प्रतीक भी है. जो एक साथ जमीन, समुद्र और आसमान में वास्तविक युद्ध होने पर दुश्मन से निपटने की रणनीति को तैयार करते है.

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नई दिल्ली:

पाकिस्तान से लगी सीमा पर आज से भारत की तीनों सेनाएं मिलकर युद्धाभ्यास त्रिशूल कर रही है. ऑपेरशन सिंदूर के करीब छह महीने बाद थल, वायु और नौसेना मिलकर इतना बड़ा अभ्यास कर रही है कि पाकिस्तान की हालत खराब हो गई है. डर के मारे पाकिस्तान ने कई इलाकों में अपने एयर स्पेस तक बंद कर दिए है. पाकिस्तान की नींद उड़ने की एक बड़ी वजह यह भी है कि आर्मी, एयरफोर्स और नेवी उसी सर क्रीक इलाके में अपनी ताकत दिखला रही है. जहां पर कुछ दिनों पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि अगर पाकिस्तान ने सर क्रीक  सेक्टर में कोई भी हरकत की तो जवाब ऐसा होगा कि इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे. 

यह सैन्य अभ्यास गुजरात और राजस्थान में पाक से लगे पश्चिमी सीमा पर हो रहा है जो 30 अक्टूबर से शुरू होकर 10 नवंबर तक चलेगा. भगवान शिव के त्रिशूल के नाम पर हो रहा यह सैन्य अभ्यास तीनो सेनाओं की संयुक्त शक्ति का प्रतीक भी है. जो एक साथ जमीन, समुद्र और आसमान में वास्तविक युद्ध होने पर दुश्मन से निपटने की रणनीति को तैयार करते है. इस सैन्य अभ्यास में थल सेना के 20000 से अधिक जवान, टैंक तोप ,मिसाइल और हेलीकॉप्टर हिस्सा ले रहे है तो नौसेना की ओर से कोलकात्ता क्लास डिस्ट्रॉयर , नीलगिरी क्लास फ्रिगेट और फ़ास्ट अटैक क्राफ्ट जैसे युद्धपोत शामिल है वही वायुसेना ने रफाल, सुखोई-30, अटैक हेलीकॉप्टर और इजरायली ड्रोन भी मैदान में उतारे है. 

दरअसल, यह सीधे सीधे पकिस्तान को साफ संदेश देता है कि अगर कोई हिमाकत हुई तो जवाब माकूल होगा। हालांकि सेना के सूत्रों का कहना है कि यह  युद्धाभ्यास एक नियमित अभ्यास है जो साल में काम से कम एक बार तीनों सेनाएं मिलकर करती है लेकिन इसका ऑपेरशनल लेवल काफी बड़ा है. टाइमिंग और प्लेस के लिहाज से देखे तो यह अभ्यास सामान्य नही नज़र आता है. वैसे भी अभ्यास का केंद्र सरक्रीक है जो गुजरात के रण और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बीच 90 किलोमीटर ज्वारीय मुहाना है.

इसको लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच काफी लंबा विवाद है. 1965 में इसी इलाके में पाकिस्तान को करारी हार मिली थी फिर भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नही आया हैं. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी पाकिस्तान ने कच्छ के सरदार पोस्ट जैसे भारतीय चौकिया पर गोलाबारी की थी जवाब में भारत ने इसी इलाके में एक पाकिस्तान ड्रोन को भी मार गिराया था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के इस इलाके में दौरा करने के बाद पाकिस्तान के नौसेना प्रमुख नावेद अशरफ ने भी अपने इलाके चौकियो का दौरा किया था. ऐसे में इस इलाके में कभी भी दोनो देशों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका से इंकार नही किया जा सकता है. जाहिर है रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान और सरकारी पर पाकिस्तानी मूवमेंट की बीच यह अभ्यास भारत की ऑपरेशनल तैयारी और राजनीतिक सोच दोनों को दिखाता है. 

जानकर बताते है कि अभ्यास त्रिशूल का उद्देश्य ऑपेरशन सिंदूर के दौरान से मिली सीख के  के आधार पर ट्राई सर्विसेज युद्ध तैयारी और आपसी सामंजस्य को परखना है ताकि आने वाले समय मे किसी भी हालात में सैन्य चुनातियों का सामना करने के लिये तत्परता के साथ जवाब दे सकें

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