सभी दलों ने चुनावी बॉन्ड भुनाए, इस बारे में किसी को बोलने का नैतिक अधिकार नहीं : निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री ने कहा कि, चुनावी बॉन्ड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर, चुनावों के वित्तपोषण के लिए बेहतर प्रणाली लाने को लेकर और अधिक चर्चा की जरूरत है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने चुनावी बॉन्ड भुनाए हैं. इस मामले में किसी को कुछ भी कहने का नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि यह सब वैध और कानून के मुताबिक था. उन्होंने यह भी कहा कि चुनावी बॉन्ड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर, चुनावों के वित्तपोषण के लिए बेहतर प्रणाली लाने को लेकर और अधिक चर्चा की जरूरत है.

सीतारमण ने यहां समाचार चैनल ‘टाइम्स नाऊ' के सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि कानून को शीर्ष अदालत ने अब खारिज कर दिया है. लेकिन इसे संसद में पारित किया गया था और बॉन्ड उस समय के कानून के अनुसार खरीदे गए थे. उन्होंने कहा, ‘‘इसे संसद द्वारा पारित किया गया था और कानून के आधार पर, बॉन्ड सभी दलों ने खरीदे और भुनाए. हर किसी ने सभी से चंदा प्राप्त किया है, चंदा देने वालों ने हर दल को चंदा दिया.''

सीतारमण ने कहा, ‘‘जो दल अब कह रहे हैं कि ये घोटाला है, उन्होंने भी बॉन्ड के जरिए पैसे लिए थे. आखिर किसी को बोलने का क्या नैतिक अधिकार है क्योंकि यह तब कानून के अनुसार था... यह सब वैध तरीके से हुआ. यह पहले की तुलना में एक बेहतर कदम था.''

यह पूछे जाने पर कि इस संबंध में नई सरकार क्या कर सकती है, उन्होंने कहा कि यह समझने की जरूरत है कि व्यवस्था को कैसे बेहतर बनाया जाए.

उन्होंने कहा, ‘‘चुनावी बॉन्ड प्रणाली अब भी पिछली व्यवस्था से बेहतर थी. हम अब पुरानी स्थिति में हैं. हमें इस संदर्भ में बहुत कुछ करने की जरूरत है.''

उल्लेखनीय है कि पिछले महीने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा था कि चुनावी बॉन्ड योजना संविधान के तहत सूचना के अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन करती है.

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वित्त मंत्री ने ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के छापे और बॉन्ड खरीद के बीच संबंध के आरोपों को भी खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि छापे उन कंपनियों पर भी हुए हैं जिन्होंने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से भाजपा को चंदा नहीं दिया था.

उन्होंने कहा, ‘‘ईडी की छापेमारी अब भी होती है, इससे उन्हें (कंपनियों को) कोई छूट नहीं मिल जाती.'' मंत्री ने कहा कि कानून लागू करने वाली एजेंसियां ​​किसी राजनीतिक एजेंडे के साथ काम नहीं कर रही हैं. कानून उन लोगों का पीछा करता है जो इसका उल्लंघन करते हैं.

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यह पूछे जाने पर कि भाजपा दागी नेताओं का स्वागत क्यों कर रही है, उन्होंने कहा कि ‘दरवाजे सभी के लिए खुले हैं.' सीतारमण ने कहा, ‘‘अगर लोग देखते हैं कि काम हो रहा है... और कोई पार्टी बदलाव ला रही है, तो वे स्पष्ट रूप से आना और शामिल होना चाहेंगे....भारतीय जनता पार्टी मूल्यों पर आधारित पार्टी है. मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ गलत है.''

वित्त मंत्री ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी राजनीतिक बदले की कार्रवाई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने ईडी के भेजे कई समन का पालन नहीं किया है. साथ ही दिल्ली के साथ-साथ पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है, वहां शासन व्यवस्था चरमरा गई है.

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