आजकल सत्तारूढ़ दल हो या विपक्ष सब खुद को रामभक्त बनाने में जुटे हैं. यूपी चुनाव है, राममंदिर बन रहा है, सो नेताओं के लिये होड़ भी है. लेकिन असलियत में क्या होती है उसकी एक बानगी मध्यप्रदेश में दिखी. यहां भोज ओपन यूनिवर्सिटी ने कुछ ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स तैयार किए हैं, जिनमें रामचरित मानस और भगवद्गीता से जुड़े पाठ्यक्रम हैं. ढाई महीने पहले विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर बताया गया कि कई पाठ्यक्रमों के अलावा विधायक ये कोर्स भी कर सकते हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने दो बार खत भी लिखा, लेकिन 230 विधायकों में से किसी ने भी इस कोर्स में दिलचस्पी नहीं ली. विश्वविद्यालय ने फिर एक बार तारीख बढ़ा दी है. विधायक चाहें तो 15 जनवरी तक प्रवेश लेकर रामचरित मानस को भौतिकी, रसायन शास्त्र से समझ सकते हैं.
मध्यप्रदेश विधासनभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने 2-2 बार खत भी लिखा लेकिन किसी विधायक ने दिलचस्पी नहीं दिखाई. उन्होंने बताया कि ये लोग पहली के बच्चे तो नहीं हैं कि पकड़ कर दाखिला कराओ. सब समझदार लोग हैं और यहां चुनकर आते हैं. उनको सलाह ही दे सकते हैं. सलाह मानें, इसके लिये बाध्य नहीं कर सकते. इसलिये मैंने दो बार आग्रह किया है कि इसका फायदा उठाएं. मेरा काम प्रयास करते रहना है और मैं प्रयास करता रहूंगा.
वहीं यूनिवर्सिटी ने विधायकों को अध्ययन सामग्री भेजने के साथ ही ऑनलाइन या ऑफलाइन क्लास की भी तैयारी की थी. लेकिन फिर भी विधायक छात्र नहीं बने. डॉ जयंत सोनवलकर, कुलपति, भोज मुक्त विश्वविद्यालय ने बताया कि रामचरित मानस के दोहों में भौतिक शास्त्र है, रसायन शास्त्र है, जीव विज्ञान है, पर्यावरण है, जिससे नई पीढ़ी रीलेट कर सके. योग्यता है हायर सैकेंड्री है, विधायकों के लिये प्रारंभ किया था. लेकिन ऐसी कोई सूचना नहीं है कि किसी ने ज्वॉइन किया है.
बता दें कि ये हाल तब है जब 230 सदस्यों वाली मध्यप्रदेश की 15वीं विधानसभा में एक दर्जन 5वीं पास, 7 विधायक 8वीं पास, 13 विधायक दसवीं पास हैं और 37 विधायक 12वीं तक शिक्षित हैं. सत्तारूढ़ दल के विधायक बस्ता लेकर पढ़ने तो नहीं आए लेकिन कैमरे पर शिक्षित होने की बात कह रहे हैं. बीजेपी विधायक हरिशंकर खटीक ने बताया कि मध्यप्रदेश की विधानसभा के अध्यक्ष ने आह्वान किया था कि विधायक शिक्षित हों, आगे आने वाले समय में प्रचार प्रसार होगा, विधायक भाई शिक्षित हो सकेंगे.
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उधर, कांग्रेस ने भी अपने राज में रामवन पथ, रामलीला कमेटियों को चंदा जैसे कई बातों से राम राज का ख्वाब देखा. लेकिन मानस पढ़ने कोई नहीं आया. अब उसके नेता कह रहे हैं कि बीजेपी मुंह में राम बगल में नाथूराम रखती है. पूर्व कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि मैंने अस्पताल में हनुमान चालीसा पढ़ी थी, कोरोना से तो बचें. अध्यक्ष का पत्र है तो विधायक फोलो करेंगे और जाएंगे. कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि मुंह में राम बगल में नाथूराम, सिर्फ पढ़ने से कुछ नहीं होगा. भाव को समझकर आत्मसात करो, कट्टरता से नहीं आएगा प्रेम से आएगा.
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