देशभर में होली का त्योहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है और लोग एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर होली खेलते हैं. होली के त्योहार को आपसी भाई-चारे और प्रेम के प्रतीक के रूप में जाना जाता है. दोस्त तो दोस्त गुश्मन भी इस दिन गिले- शिकवे भुलाकर गले मिल जाते हैं. वहीं अलीगढ़ में एक मस्जिद ऐसी भी है, जिसको हर साल होली के एक दिन पहेल काले तिरपाल से ढक दिया जाता है. आखिर एक धार्मिक स्थल को होली पर तिरपाल से क्यों ढका जाता है ? इसके पीछे की वजह आज हम आपको बता रहे हैं.
इस साल भी अलीगढ़ में एक मस्जिद को रंग से बचाने के लिए होली से पहले तिरपाल से ढक दिया गया है. होली पर पुलिस प्रशासन के निर्देश पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से अलीगढ़ के अति संवेदनशील चौराहे हलवाईयां की अब्दुल करीम मस्जिद को रात के समय तिरपाल से ढक दिया जाता है ताकि होली के समय उस पर रंग न लग सके. पिछले कुछ वर्षों की भांति होली पर संवेदनशील क्षेत्र की मस्जिद को भी रात में तिरपाल से ढक दिया जाता था ताकि कोई होली के कारण मस्जिद पर रंग न फेंके.
मस्जिद के प्रबंधन निकाय से हाजी मोहम्मद इकबाल ने कहा, "प्रशासन के निर्देश पर हम मस्जिद को तिरपाल से ढक देते हैं ताकि कोई भी मस्जिद में रंग या गंदगी न फेंके." एक निवासी अकील पहलवान ने कहा, "जब से उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार आई है, लगभग 6 से 7 साल से मस्जिद को ढंका जा रहा है. प्रशासन की मदद से हम मस्जिद को ढक देते हैं ताकि कोई रंग न फेंके."होली नजदीक आने के साथ ही त्योहार की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं.
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