समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाकुंभ की समयसीमा बढ़ाने की मांग की है. उन्होंने इसके पीछे का तर्क भी बताया है. उन्होंने कहा है कि अभी भी देश में बहुत से ऐसे लोग हैं जो महाकुंभ आना चाहते हैं लेकिन किसी कारण से नहीं आ पाए हैं. ऐसे में सरकार को महाकुंभ की समय बढ़ानी चाहिए. समयसीमा बढ़ाई गई तो इससे ऐसे लोगों को खासतौर पर फैयदा होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि पहले महाकुंभ या कोई कुंभ 75 दिनों का होता था. ऐसे में अगर इस बार भी अगर इसे 75 दिनों तक चलाया जाए तो और श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने प्रयागराज आ सकते हैं.
महाकुंभ क्यों खास
- महाकुंभ में अभी तक 50 करोड़ लोगों ने किया स्नान
- दुनिया भर से लाखों की श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
- योगी आदित्यनाथ सरकार ने किए हैं शानदार प्रबंध
- सुरक्षा से लेकर आने तक की व्यवस्था हर बीतते दिन के साथ और बेहतर हो रही है
- पीएम मोदी और सीएम योगी समेत कई बड़े नेता लगा चुके हैं आस्था की डुबकी
- श्रद्धालुओं के आने के लिए रेलवे चला रहा है विशेष ट्रेनें
आपको बता दें कि 13 जनवरी से प्रयागराज में जारी महाकुंभ ने एक ऐसा इतिहास बनाया है जो शायद ही आगे टूट सके. उत्तर प्रदेश प्रशासन के अनुसार अभी तक महाकुंत्र में 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में सनातन आस्था की पावन डुबकी लगाकर धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की अद्वितीय मिसाल कायम की है.
50 करोड़ से अधिक की यह संख्या किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन में मानव इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी सहभागिता बन चुकी है. इस विराट समागम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया में केवल भारत और चीन की जनसंख्या ही यहां आने वाले लोगों की संख्या से अधिक है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के सुव्यवस्थित प्रयासों से भारत की इस प्राचीन परंपरा ने अपनी दिव्यता और भव्यता से पूरी दुनिया को मुग्ध कर दिया है.
यूएस सेंसस ब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया के 200 से अधिक राष्ट्रों में जनसंख्या के दृष्टिकोण से टॉप 10 देशों में क्रमश: भारत (1,41,93,16,933), चीन (1,40,71,81,209), अमेरिका (34,20,34,432), इंडोनेशिया (28,35,87,097), पाकिस्तान (25,70,47,044), नाइजीरिया (24,27,94,751), ब्राजील (22,13,59,387), बांग्लादेश (17,01,83,916), रूस (14,01,34,279) और मैक्सिको (13,17,41,347) शामिल हैं.