कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे अनिल के एंटनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की आलोचना करने के एक दिन बाद "ट्वीट को वापस लेने के दबाव" का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी है. अनिल एंटनी ने अपना त्याग पत्र साझा करते हुए ट्विटर पर पद छोड़ने की घोषणा की.
उन्होंने लिखा, "मैंने कांग्रेस में अपनी भूमिकाओं से इस्तीफा दे दिया है. बोलने की आज़ादी के लिए लड़ने वालों द्वारा एक ट्वीट को वापस लेने के लिए असहिष्णु कॉल, मैंने इनकार कर दिया."
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी BBC की डॉक्यूमेंट्री को लेकर उठे विवाद के बीच अनिल एंटनी ने डॉक्यूमेंट्री को लेकर ऐतराज जताया था. इस मसले पर अपनी पार्टी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के रुख से अलग राय जताते हुए अनिल एंटनी ने ट्वीट में लिखा, "ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर के विचारों को भारतीय संस्थानों पर तरजीह देना, देश की संप्रभुता को 'कमजोर' करेगा."
NDTV से बात करते हुए अनिल एंटनी ने कहा, "उन्हें राहुल गांधी सहित कांग्रेस पार्टी में किसी के भी साथ कोई समस्या नहीं है, लेकिन हमारी आजादी के 75वें वर्ष में, हमें विदेशियों या उनके संस्थानों को हमारी संप्रभुता को कम करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए." उनका यह बयान उसी दिन आया है जब राहुल गांधी ने अपनी 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान जम्मू में संवाददाताओं से बात करते हुए देश में डॉक्यूमेंट्री को ऑनलाइन शेयर करने से रोकने के सरकार के प्रयासों पर सवाल उठाए थे.
राहुल ने कहा था, "अगर आप हमारे वेदों को पढ़ेंगे, भगवद् गीता या उपनिषदों को पढ़ेंगे तो आप देखेंगे कि वहां लिखा है कि सच को छिपाया नहीं जा सकता. सत्य हमेशा सामने आता है. आप प्रेस पर पाबंदी लगा सकते हैं, उसे दबा सकते हैं, आप संस्थानों को नियंत्रित कर सकते हैं, आप सीबीआई, ईडी आदि सब का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन सच तो सच है. सच अलग चमकता है, इसलिए किसी पाबंदी, दमन और लोगों को धमकाने से सच सामने आने से नहीं रुकेगा.''
कांग्रेस की केरल इकाई के डिजिटल संचार को संभालने वाले अनिल एंटनी का यह कमेंट, केरल में पार्टी के रुख के विपरीत है, जहां पार्टी की विभिन्न इकाइयों ने 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री की वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग की घोषणा की थी.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना वाली बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री शेयर करने वाले ट्वीट ब्लॉक करने का आदेश दिया था. बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के YouTube के लिंक जिन ट्वीट के जरिए शेयर किए गए हैं, उनको भी ब्लॉक कर दिया गया है. विदेश मंत्रालय ने इस डॉक्यूमेंट्री को ऐसे दुष्प्रचार का हिस्सा बताया था, जो औपनिवेशक मानसिकता को दर्शाता है.