अजित पवार ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में रविवार को शपथ लेकर सबको चौंका दिया. महाराष्ट्र की राजनीति में अजित पवार के इस कदम से बड़ी उथल-पुथल शुरू हो गई है. इस बीच उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने दावा किया कि राकांपा नेता अजित पवार, जिन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है, जल्द ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की जगह लेंगे.
अजित पवार ने रविवार को राकांपा में विभाजन का नेतृत्व करते हुए उपमुख्यमंत्री पद ग्रहण किया, जिससे उनके चाचा शरद पवार को बड़ा झटका लगा, जिन्होंने 24 साल पहले इस पार्टी की स्थापना की थी. शिंदे-भाजपा सरकार में अजित पवार के अलावा आठ एनसीपी नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली. शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र 'सामना' के एक संपादकीय में दावा किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने न केवल महाराष्ट्र, बल्कि देश की राजनीति को भी ''गंदगी'' में डाल दिया है.
सामना के संपाकीय में कहा गया, "अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने का रिकॉर्ड बनाया है. इस बार 'सौदा' मजबूत है." दावा किया गया, ''पवार वहां डिप्टी सीएम पद के लिए नहीं गए हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और सेना के बागी विधायकों को जल्द ही अयोग्य ठहराया जाएगा और पवार की ताजपोशी होगी.'' यह नया विकास राज्य के लोगों को अच्छा नहीं लगेगा. इसमें कहा गया है कि राज्य में ऐसी कोई राजनीतिक परंपरा नहीं है और इसे लोगों का समर्थन कभी नहीं मिलेगा.
मराठी दैनिक ने दावा किया है कि अजित पवार की कलाबाज़ी वास्तव में मुख्यमंत्री शिंदे के लिए खतरनाक है. इसमें कहा गया है कि जब शिंदे और अन्य विधायकों ने शिवसेना छोड़ दी, तो उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री अजित पवार को नियंत्रित नहीं करने के लिए पार्टी अध्यक्ष और (तत्कालीन) मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को दोषी ठहराया, जिन्होंने फंड वितरण और कार्य आदेशों को मंजूरी देने पर अत्यधिक नियंत्रण ले लिया था. संपादकीय में कहा गया, ''बागी विधायकों के अनुसार, प्राथमिक कारण यह था कि 'हमने एनसीपी की वजह से शिवसेना छोड़ी.''
इसमें दावा किया गया, "अब वे क्या करेंगे? शपथ ग्रहण समारोह (रविवार को अजित पवार के) के दौरान, उनके (शिंदे गुट के सदस्यों के) चेहरे के भावों से यह स्पष्ट हो गया कि उनका भविष्य अंधकारमय है." मराठी प्रकाशन ने आगे दावा किया, "उनका तथाकथित हिंदुत्व अब खत्म हो गया है. वह दिन दूर नहीं, जब शिंदे और उनके विद्रोही सहयोगियों को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा."
संपादकीय में भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस पर भी निशाना साधा गया, जिसमें दावा किया गया कि उन्होंने कहा था कि वे "भ्रष्टों की पार्टी" राकांपा से कभी हाथ नहीं मिलाएंगे और अजित पवार 70,000 करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले में आरोपों का सामना कर रहे हैं. इसमें कहा गया, ''इस शपथ ग्रहण ने भाजपा का असली चेहरा उजागर कर दिया है.''
यह स्वीकार करने से इनकार करते हुए कि रविवार का घटनाक्रम सभी के लिए आश्चर्य की बात थी, संपादकीय में दावा किया गया कि कुछ लोगों को इस "भूकंप" के बारे में पहले से ही पता था. संपादकीय में कहा गया है, ''एक साल पहले जो शिव सेना के साथ हुआ था, वह अब राकांपा के साथ हो रहा है. जैसा कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा, कल एक नया दिन होगा.'' इसमें कहा गया है कि यह भूकंप नहीं, बल्कि मामूली झटके थे.
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