महाराष्ट्र की सियासत में रविवार को महा पॉलिटिकल ड्रामा हुआ. NCP नेता अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार की पार्टी तोड़ दी और 29 विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए. दोपहर ढाई बजे के करीब अजित पवार ने मंत्री पद की शपथ ली. वे उपमुख्यमंत्री के तौर पर सरकार में शामिल हुए. उनके साथ छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल, हसन मुश्रीफ, रामराजे निंबालकर, धनंजय मुंडे, अदिति तटकरे, संजय बनसोडे और अनिल भाईदास पाटिल ने भी मंत्री पद की शपथ ली.
शरद पवार से नाराज थे NCP विधायक
दरअसल अजित पवार ने रविवार को अपने आवास पर बड़ी बैठक की थी. इसमें पार्टी के अधिकांश विधायक पहुंचे थे. इसी बैठक के बाद पवार सीधे राजभवन पहुंचे. बताया जा रहा है कि पटना में विपक्षी एकता बैठक में राहुल गांधी के साथ मंच साझा करने और उन्हें सहयोग करने के शरद पवार के एकतरफा फैसले से NCP के कई विधायक नाराज थे. ऐसी सूचना है कि NCP के अजित पवार गुट के साथ 30 विधायक हैं जबकि शरद पवार गुट के साथ अब महज 23 विधायक हैं. अब ये भी जान लेते हैं कि NCP में हुई बगावत के बाद महाराष्ट्र विधानसभा में पार्टियों की स्थिति क्या है?
एकनाथ शिंदे के साथ विधायक
बीजेपी- 105
शिवसेना (शिंदे गुट)- 40
NCP (अजित पवार गुट)- 30
अन्य पार्टियां- 8
निर्दलीय- 13
महाअघाड़ी गठबंधन के पास विधायक
NCP (शरद पवार गुट)- 23
कांग्रेस- 45
शिवसेना (उद्धव गुट)- 17
अन्य पार्टियां- 7
अजित पवार अब पार्टी पर भी दावा करेंगे
मराठा क्षत्रप शरद पवार के लिए मुश्किलें यहीं कम नहीं हो रही है. सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि अजित पवार अब NCP पर भी दावा ठोक सकते हैं क्योंकि पार्टी के 53 में से 30 विधायक उनके साथ हैं. ये भी खबर के NCP के पांच में से 3 सांसद अजित पवार के साथ हैं जिसमें प्रफुल्ल पटेल जैसा बड़ा नाम भी है. प्रफुल्ल पटेल को हाल ही में शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले के साथ कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था.
बीजेपी ने किया स्वागत
बीजेपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने कहा कि पीएम मोदी की दृष्टि को समर्थन देने के लिए आज NCP के अजित पवार और उनके साथ के नेता आए हैं और शपथ ग्रहण भी करेंगे. महाराष्ट्र को मजबूती देने के लिए यह समीकरण बैठा है. यह समीकरण महाराष्ट्र को आगे लेकर जाएगा. इससे पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के मुंबई आवास पर भाजपा की कोर कमेटी की बैठक हुई. बैठक में चंद्रकांत पाटिल, रवींद्र चव्हाण, सुधीर मुनगंटीवार और अन्य नेता मौजूद थे.