3 दिन की देरी क्‍यों... दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार, जानें- SC ने प्रदूषण के मुद्दे पर क्‍या कहा

दिल्ली में सोमवार को वायु प्रदूषण 'खतरनाक' स्तर पर पहुंच गया और सुबह सात बजे AQI 481 तक पहुंच गया, जिसे 'बेहद गंभीर' श्रेणी में रखा गया है. दिल्‍ली के आसपास के क्षेत्रों में भी AQI खतरनाक स्‍तर पर पहुंच गया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने ग्रैप-3, ग्रैप-4 को लागू करने में देरी पर दिल्ली सरकार को लगाई फटकार

नई दिल्‍ली:

दिल्‍ली में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के बीच सुप्रीम कोर्ट ने दिल्‍ली की आम आदमी पार्टी को कड़ी फटकार लगाते हुए कई सवाल उठाए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्‍ली सरकार से पूछा कि जब प्रदूषण का स्‍तर काफी पहले 400 के पार पहुंच गया था, तो फिर सरकार ने कड़े कदम क्‍यों नहीं उठाए. कोर्ट ने दिल्‍ली सरकार को निर्देश दिया है कि सरकार अदालत के आदेश के बिना ग्रेप 4 नहीं हटाएगी. जानिए, सुप्रीम कोर्ट ने और क्‍या-क्‍या कहा...  

  • सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि GRAP-3 पहले लागू क्यों नहीं किया गया? ग्रैप को लागू करने के लिए कौन मॉनिटर कर रहा है? प्रदूषण कम करने को लेकर क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
  • सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि जब AQI 401, 12 नवंबर को पार कर गया था, फिर तीन दिनों के बाद ग्रैप-3 क्यों लागू किया गया? आपने तीन दिन तक इंतजार क्यों किया? आखिर, क्‍यों सरकार ने समय रहते स्थिति का अंदाजा नहीं लगाया. 
  • दिल्ली सरकार ने इस पर कहा- हमने ग्रैप 4 लागू कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा, 'लेकिन, आपने ग्रैप 3 लागू करने में तीन दिन लगाए. हर इलाके में AQI 400 से ऊपर है. हम आदेश जारी करेंगे कि अगर  AQI कम भी हुआ को ग्रैप 4 नहीं हटेगा. सरकार अदालत के आदेश के बिना ग्रैप 4 नहीं हटाएगी.
  • कोर्ट ने कहा- अब अगर AQI 400 से नीचे भी आता है, तो भी हम आपको ग्रैप-4 को वापस लेने की अनुमति नहीं देंगे. हम यही आदेश देने का प्रस्ताव रखते हैं. आप न्यायालय की अनुमति के बिना ग्रैप 4 को वापस नहीं लेंगे.

जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच दिल्‍ली में प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई कर रही है. 14 नवंबर को एमाइकस ने दिल्ली मे खतरनाक होते प्रदूषण को लेकर SC से जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा था कि आज हम गंभीर स्थिति में हैं. सरकार ने अभी तक कोई ठोस उपाय नहीं किया है. हमें दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर नहीं बनने देना चाहिए.  पिछली सुनवाई में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को फटकार लगाते हुए कहा था कि प्रदूषण से जुड़े मामले में जबतक कठोर फैसला नहीं लिया जाएगा, कुछ नहीं होने वाला. 

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