दिल्ली में रातभर बारिश से हवा हुई साफ, प्रदूषण से मिली राहत

विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि बृहस्पतिवार रात से पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश समेत पश्चिमोत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में वर्षा हुई है. आईएमडी ने हल्की बारिश समेत मौसम संबंधी अनुकूल परिस्थितियों के कारण दीपावली से पहले वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार होने का अनुमान जताया था.

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नई दिल्ली: वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर और धुंध से पिछले 10 दिन से परेशान दिल्लीवासियों को बृहस्पतिवार को रातभर हुई बारिश के कारण राहत मिली और राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता में शुक्रवार को स्पष्ट सुधार देखा गया. दिल्ली में शुक्रवार दोपहर एक बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 314 रहा जो ‘बहुत खराब' श्रेणी में आता है. सुबह नौ बजे यह 376 और सात बजे यह 408 था. बृहस्पतिवार रात 11 बजे यह 460 था.

हवा की गति अनुकूल होने के कारण वायु गुणवत्ता में और सुधार होने की उम्मीद है. एक्यूआई पिछले 24 घंटे के आंकड़ों का औसत होता है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे पिछले 24 घंटों में छह मिलीमीटर तथा सुबह साढ़े आठ और साढ़े 11 बजे के बीच 2.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की. मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के अधिकतर इलाकों में हल्की बारिश हुई.

विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि बृहस्पतिवार रात से पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश समेत पश्चिमोत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में वर्षा हुई है. आईएमडी ने हल्की बारिश समेत मौसम संबंधी अनुकूल परिस्थितियों के कारण दीपावली से पहले वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार होने का अनुमान जताया था.

अधिकारियों ने कहा था कि एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की तरफ बदलने से, भारत के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में पराली जलाए जाने से निकलने वाले धुएं के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा था कि पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद हवा की गति 11 नवंबर को लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाएगी, जिससे दीपावली से पहले प्रदूषक तत्वों के तितर-बितर होने की संभावना है.

दिल्ली में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने वाले ‘डिसीजन सपोर्ट सिस्टम' के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को 38 प्रतिशत प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने से निकला धुआं जिम्मेदार था. शहर में प्रदूषण के स्तर में पराली जलाने की घटनाओं का योगदान बृहस्पतिवार को 33 प्रतिशत रहा, जबकि शुक्रवार को इसके 16 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

आंकड़ों में परिवहन को भी वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण बताया गया है, जो दिल्ली की बिगड़ती आबोहवा में 12 से 14 प्रतिशत का योगदान दे रहा है. भारतीय कृषि अनुसंधान संगठन के प्रधान वैज्ञानिक विनय कुमार सहगल ने अनुमान लगाया कि वर्षा के कारण अगले दो-तीन दिन पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं कम होंगी.

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दिल्ली सरकार शहर में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर से निपटने के लिए 20 या 21 नवंबर को कृत्रिम बारिश की योजना बना रही है. इससे संबंधित एक प्रस्ताव उच्चतम न्यायालय को सौंपा जाएगा, जो वायु प्रदूषण बढ़ने की समस्या से जुड़ी कई याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है. सरकार ने सभी विद्यालयों में दिसंबर में होने वाली छुट्टियों का समय बुधवार को बदल दिया और अब शीतकालीन अवकाश नौ नवंबर से 18 नवंबर तक रहेगा.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार दिल्ली में ऐप आधारित टैक्सियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा सम-विषम कार योजना की प्रभावशीलता की समीक्षा करने और आदेश जारी करने के बाद शहर में यह योजना लागू की जाएगी. इससे संबंधित मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी.

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मंगलवार को शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार की सम -विषम योजना की प्रभावकारिता पर सवाल उठाया था और इसे ‘दिखावा' बताया था. एक्यूआई शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 450 के बीच 'गंभीर' माना जाता है. एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे 'अति गंभीर' श्रेणी में माना जाता है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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