"गुजरात चुनाव की वजह से..": बिलकिस बानो केस के दोषियों की रिहाई पर NDTV से बोले ओवैसी

औवेसी ने कहा, "पीएम अगर वाकई मुस्लिम महिलाओं के साथ हैं तो बीजेपी को ऑर्डर दें कि ये फ़ैसला बदला जाए. ये कौन सा इंसाफ़ है? गुनहगारों को दोबारा जेल जाना चाहिए."

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असदुद्दीन ओवैसी ने बिलकिस बानो मामले में केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा

नई दिल्‍ली:

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्‍तेहादुल मुसलिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है. NDTV से बात करते हुए आवैसी ने कहा, "हम सब देश में आज़ादी के 75 साल मना रहे हैं और पीएम लाल किले से महिलाओं के सशक्‍तीकरण की बात कर रहे हैं.  उसी दिन एक क्राइम में, बिलकिस बानो केस (Bilkis Bano case) में  जिन लोगों को सज़ा मिली थी, उसके दोषी जेल से रिहा हुए. बिलकिस का रेप हुआ, वह गर्भवती थी. जघन्‍य क्राइम हुआ था जिसके दोषी इसी दिन छूटे. ये हम क्‍या संदेश दे रहे हैं, इससे बड़ा तुष्टिकरण और क्‍या होगा? पीएम भाषण देते हैं कि उस पर अमल नहीं करते.'' एआईएमआईएम अध्‍यक्ष ने कहा, "जो महिला सालों तक लड़ी, पति अपनी पत्नी के साथ खड़ा रहा, उस केस में आखिर ये क्या संदेश दिया जा रहा हैपरिवार की चार और महिलाओं का रेप हुआ, ये भाजपा क्या संदेश दे रही है.' उन्‍होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को बुलाकर रक्षाबंधन के दिन राखी बंधवाई गई. जो महिलाएं बु्रका पहने हुए थीं, ये सब झूठ है. भाजपा तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है.

ओवैसी ने कहा," अजमेर बम ब्लास्ट केस में भी RSS के दो लोगों को सज़ा हुई थी, उनको भी पेरोल पर छोड़ दिया गया. गुजरात में चुनाव आ रहे हैं इसलिए बहुमत के लिए ये सब हो रहा है. पीएम को बताना पड़ेगा क्योंकि उन्होंने लाल किले से भाषण दिया था. ये क्या है, ये इज़्ज़त की बात करते हैं, ये तो सभी महिलाओं की बेइज़्ज़ती है. ये नाइंसाफ़ी नही बल्कि ज़ुल्म है." उन्‍होंने कहा कि एक पीड़ित महिला, जो गर्भवती थी, के साथ पड़ोसियों ने ऐसा किया. बीजेपी किसी मुस्लिम को मंत्री न बनाए लेकिन जिस महिला का रेप हुआ उसके गुनहगारों को तो न छोड़े. ये सब गुजरात चुनावों के लिए हो रहा है. महाराष्ट्र में भी रूबीना मेमन है. भाजपा की ये  पॉलिसी कब तक चलेगी ये  जहां लफ़्ज़ ए मुसलमान आएगा वहां आप कोई इंसाफ नहीं करेंगे. 

औवेसी ने कहा, "पीएम अगर वाकई मुस्लिम महिलाओं के साथ हैं तो बीजेपी को ऑर्डर दें कि ये फ़ैसला बदला जाए. ये कौन सा इंसाफ़ है? गुनहगारों को दोबारा जेल जाना चाहिए. उस महिला पर क्या गुज़र रही होगी. ये छोटा क्राइम नहीं था. पड़ोसियों ने रेप किया और बेटी की हत्या की. ये क्या संदेश है. इंसाफ़ की तो बलि चढ़ा दी गई. एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, "जनता देख रही है पीएम भाषण देते हैं लेकिन उस पर अमल नहीं करते. भारत में कई रेप होते हैं. ये कैसा संदेश है कि रेप के आरोपी छूट जाते हैं. ये ज़ुल्म है. ये राजनैतिक फ़ायदे के लिए है. अजमेर ब्लास्ट के आरोपी बाहर हैं, दूसरी ओर, जो कुछ नहीं कर रहे वो UAPA में जेल में सड़ रहे हैं.'' 

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