"अविश्वास प्रस्ताव मंजूर हो गया, अब तो..." : AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने विपक्षी दलों से कहा

एआईएमआईएम प्रमुख ने राजस्थान और पश्चिम बंगाल में हिंसा की तुलना मणिपुर में जातीय संघर्ष से करने की सरकार की कोशिश की आलोचना की.

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नई दिल्ली:

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को संसद में चल रहे गतिरोध को लेकर एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि मेरी राय है कि विपक्ष को संसद को चलने देना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक दिन पहले सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करने के बाद हमें संसद को चलने देना चाहिए. उनकी यह टिप्पणी मणिपुर में तीन महीने से चली आ रही हिंसा को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित होने के बीच आई है.

"हमें सरकार से तीखे सवाल पूछने की जरूरत है"

उन्होंने विपक्ष की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा, "यह उचित बात है कि जब अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है तो सदन चलने देना चाहिए. विपक्षी दलों को इस सवाल का जवाब देना चाहिए." सांसद ने चल रहे विरोध प्रदर्शन के कारण कीमती संसदीय समय के नुकसान पर खेद व्यक्त किया. उन्होंने अफसोस जताया, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने सत्र के इतने दिन गंवा दिए. हमें सरकार से तीखे सवाल पूछने, उनकी विफलताओं को उजागर करने की जरूरत है." उन्होंने प्रश्नकाल के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम प्रश्नकाल को मिस कर रहे हैं."

"हम विधेयक की खामियों को उजागर नहीं कर पाए"

ओवैसी ने अराजकता के बीच संभावित रूप से पूरी तरह से जांच किए बिना महत्वपूर्ण विधेयकों के पारित होने के मुद्दे पर को भी उठाया. उन्होंने कहा, "महत्वपूर्ण विधेयक शोर-शराबे में पारित हो गए, हम विधेयक की खामियों को उजागर नहीं कर पाए."

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मणिपुर से अन्य राज्यों की तुलना गलत है: असदुद्दीन ओवैसी

एआईएमआईएम प्रमुख ने राजस्थान और पश्चिम बंगाल में हिंसा की तुलना मणिपुर में जातीय संघर्ष से करने की सरकार की कोशिश की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, "सरकार, यह कहकर कि आइए राजस्थान और पश्चिम बंगाल में हिंसा पर चर्चा करें, हिंसा को उचित ठहराने की कोशिश कर रही है. कैबिनेट मंत्री द्वारा कुकियों के खिलाफ नरसंहार की तुलना अन्य राज्यों की घटनाओं से करना बहुत गलत है."

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मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों की मांगों के कारण उत्पन्न हुए व्यवधान के कारण लोकसभा और राज्यसभा को गुरुवार दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. विपक्षी सदस्यों, जिनमें से कई ने काले कपड़े पहने थे, ने मणिपुर मुद्दे पर अपना विरोध जारी रखा, जिसके कारण अध्यक्ष को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.

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नाराज दिख रहे अध्यक्ष ने विरोध कर रहे सदस्यों को सदन की मर्यादा की याद दिलाते हुए कहा कि उन्हें लोगों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए चुना गया है. पिछले गुरुवार को मानसून सत्र की शुरुआत के बाद से बार-बार स्थगन के बावजूद, विपक्ष ने मणिपुर पर विस्तृत चर्चा और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की अपनी मांगों पर जोर देना जारी रखा है.

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