स्वास्थ्य क्षेत्र में नई-नई टेक्नोलॉजी के जरिए एम्स (AIIMS) कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. इस बीच एम्स दिल्ली के बेड़े में आज एक और उपलब्धि शामिल हो गई. रोबोटिक सर्जरी (Robotic Surgery) की ट्रेनिंग के लिए इंटुएटिव अपना सेंटर एम्स में खोलने का फैसला किया है और इसके लिए एम्स दिल्ली के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है.
MOU से क्या होगा लाभ?
MOU के तहत अब कंपनी एम्स में मुफ्त में ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाएंगी, जिसका लाभ सभी डॉक्टरों को मिलेगा. इस समझौते का सबसे बड़ा लाभ यह है अधिक से अधिक सर्जन बिना बाहर गए एम्स के अंदर इसकी ट्रेनिंग कर सकते हैं और इसमें सारे विभाग शामिल हैं. यानी गायनेकोलॉजी, यूरोलॉजी, ऑर्थोपेडिक और जनरल सर्जरी विभाग सहित सभी के सर्जन इसका लाभ उठा सकते हैं.
इंटुएटिव सीईओ गैरी एस गुथार्ट, ने कहा, " यह एमओयू सर्जिकल प्रशिक्षण को आगे बढ़ाने और रोगी को जल्द ठीक करने की हमारी साझा प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर दर्शाता है. हमारा मानना है कि एम्स दा विंची आरएएस प्रशिक्षण केंद्र अगली पीढ़ी के सर्जनों के लिए प्रशिक्षण, कौशल और ज्ञान विकास को बढ़ावा देने, उत्कृष्टता के प्रतीक के रूप में भी काम करेगा."
एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. श्रीनिवास ने कहा, "भारत में कैंसर, मूत्र संबंधी और स्त्री रोग संबंधी बीमारियों के बढ़ते बोझ के साथ, जिनमें सॉफ्ट टिश्यू सर्जरी की आवश्यकता होती है, रोबोट-सहायता सर्जरी जैसी उन्नत टेक्नोलॉजी की मांग बढ़ रही है. भारत में संबद्ध प्रशिक्षण की जरूरत स्पष्ट है. दा विंची प्रणाली उन्नत परिशुद्धता, लचीलापन और नियंत्रण प्रदान करती है, जिससे सर्जिकल सटीकता में सुधार होता है, पुनर्प्राप्ति समय कम होता है और रोगी के परिणाम बेहतर होते हैं.
AIIMS के पास तीनों रोबोटिक सर्जरी प्लेटफार्म
एम्स जनरल सर्जरी विभाग के डॉ वी के बंसल ने कहा, " दुनिया भर में तीन तरह के रोबोटिक प्लेटफार्म मौजूद हैं. पूरे देश में एम्स ऐसा अकेला संस्थान जिसके पास तीनों तरह के रोबोटिक प्लेटफार्म ट्रेनिंग के लिए मौजूद है. अब पूरे देश का कोई भी डॉक्टर जाकर एम्स में इसकी ट्रेनिंग मुफ्त में ले सकता है. "
क्या है रोबोटिक सर्जरी?
रोबोटिक सर्जरी, एक न्यूनतम आक्रामक सर्जिकल तकनीक है जिसमें रोबोटिक डिवाइस का इस्तेमाल करके सर्जरी की जाती है. इसमें सर्जन, रोबोटिक डिवाइस के कंसोल से ऑपरेशन करता है. इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें सर्जरी एकदम एक्यूरेट होती है, जिससे न सिर्फ घाव काम होता है बल्कि मरीज के जल्दी ठीक होने के चांस ज्यादा होते हैं. ऐसे में एम्स में ट्रेनिंग सेंटर खुलने से देश में सर्जिकल कौशल को आगे बढ़ाने और रोगी देखभाल मानकों को ऊपर उठाने में मदद मिलेगी.