क्या जंक फूड की लत ने ली अमरोहा की छात्रा की जान? जानें डॉक्टर और घरवाले क्या बता रहे

एनडीटीवी को दिल्ली AIIMS से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 19 दिसंबर को लड़की एम्स में भर्ती हुई थी. लड़की जिस वक्त AIIMS लाई गई थी, उससे पहले ही वो टाइफाइड से पीड़ित थी. टाइफाइड इतना गंभीर हो चुका था कि उसने आंतों में छेद तक कर दिया था. साथ ही कई अन्य बीमारी होने की वजह से 21 दिसंबर को उसकी मौत हो गई. लेकिन उसकी मौत फास्ट फूड या प्रोसेस्ड फूड खाने से नहीं हुई. जो लोग भी उसकी मौत का दावा फास्ट फूड खाने से कह रहे हैं उसका कोई आधार नहीं है.

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  • अमरोहा की छात्रा अहाना की मौत AIIMS में हुई, जहां उसका गंभीर टाइफाइड और अन्य बीमारियों का इलाज चल रहा था.
  • AIIMS के डॉक्टरों ने मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई, और फास्ट फूड खाने को मौत का कारण नहीं माना.
  • अहाना को पहले मुरादाबाद के अस्पताल में आंतों की सर्जरी कराई गई थी, जहां आंत फटने का पता चला था.
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नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के अमरोहा की छात्रा की तीन दिन पहले AIIMS में मौत हो गई. परिजनों ने दावा किया कि 11वीं कक्षा की छात्रा अहाना जंक फूड खाने की शौकीन थी, जिसकी वजह से उसके आंतों में संक्रमण हुआ और उसकी मौत हो गई. अब सवाल है कि क्या सच में अहाना की मौत फास्ट फूड खाने से हुई, जैसा की परिवार दावा कर रहा है. डॉक्टर इस बारे में क्या बता रहे हैं? एनडीटीवी को दिल्ली AIIMS से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 19 दिसंबर को लड़की एम्स में भर्ती हुई थी. यहां डॉक्टर सुनील चुंबर की निगरानी में उसे रखा गया. लड़की जिस वक्त AIIMS लाई गई थी, उससे पहले ही वो टाइफाइड से पीड़ित थी. टाइफाइड इतना गंभीर हो चुका था कि उसने आंतों में छेद तक कर दिया था. ऐसे में जब तक टाइफाइड नियंत्रण में नहीं आता तो मरीज की सर्जरी नहीं हो सकती. सूत्रों ने कहा कि छात्रा को टीबी की भी शिकायत थी. साथ ही कई अन्य बीमारी होने की वजह से 21 दिसंबर को उसकी मौत हो गई.   

कैसे हुई छात्रा की मौत?

एनडीटीवी ने पूरे मामले की सच्चाई जानने के लिए मृतक छात्रा के परिजन साजिद खान से बात की. साजिद खान ने हमें बताया कि दिल्ली एम्स के चिकित्सकों ने उन्हें बताया कि अहाना की मौत 'कार्डियक अरेस्ट' की वजह से हुई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली एम्स में उनके मरीज का बहुत बेहतर इलाज हुआ, सभी प्रकार की जांच करवाई गई, वह रिकवर भी हो रही थी. लेकिन अचानक उसकी मौत हो गई. वह एम्स और चिकित्सकों के उपचार से पूरी तरीके से संतुष्ट हैं.

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छात्रा को क्या समस्या थी?

साजिद खान ने कहा, 'लड़की बचपन से ही बहुत फास्ट और प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने की आदी थी. उसे पहले से ही कई तरह की समस्या हुई. लेकिन हाल में उसे आंतों में कुछ दिक्कत हुई, पर कैसे हुई और किस तरह हुई हमें ये जानकरी नहीं है. हमारा मानना है कि फास्ट और जंक फूड खाने की वजह से उसकी आंतें अकड़ गई. इसके बाद 3 दिसंबर की रात को हमने मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में उसकी आंत की सर्जरी कराई.'

डॉक्टर ने क्या बोला?

साजिद ने कहा कि डॉक्टर ने सर्जरी के बाद बताया कि लड़की की आंत में 'फ्लोट' है. जिसको ऑपरेशन करके निकाला गया है. उसकी आंत फट चुकी थी. सीटी स्कैन में इसकी पुष्टि हुई है. यहां पर एक बार फिर साजिद ने दोहराया कि डॉक्टर ने समस्या के लिए फास्ट फूड को जिम्मेदार नहीं ठहराया. लेकिन उनका (साजिद) मानना है कि इस समस्या के लिए फास्ट फूड कारण है. 

साजिद ने कहा कि लड़की की दोनों आंत एक-दूसरे से चिपक गई थीं और करीब 6 लीटर फ्लोट निकाला गया. लड़की सात-आठ दिन आईसीयू में थी और फिर उसकी छुट्टी कर दी गई. इसके बाद उसे अमरोहा के एक हॉस्पिटल में नर्सिंग के लिए दो दिन भर्ती रखा. 

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फ्लोट आमतौर पर मल का पानी में तैरना होता है, जो ज्यादातर मामलों में गैस (पेट फूलना) या भोजन के खराब अवशोषण की वजह से होता है. इससे मल हल्का और कम घना हो जाता है. यह फाइबर युक्त आहार, संक्रमण, या कुछ स्वास्थ्य समस्याओं जैसे सीलिएक रोग, सिस्टिक फाइब्रोसिस का संकेत हो सकता है, लेकिन यह कई बार सामान्य भी हो सकता है. 

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फास्ट फूड से मौत के पुख्ता प्रमाण नहीं

साजिद ने कहा कि कुछ दिन बाद जब हम दोबारा डॉक्टर को दिखाने गए तो उन्होंने कहा कि आगे के इलाज के लिए दिल्ली ले जाइए, तो हम 19 तारीख को एम्स लेकर गए. जहां उसका अच्छा इलाज हुआ और शाम को वह काफी रिकवर भी हो गई थी. लेकिन बाद में उसे काफी कॉम्प्लिकेशन हुए और 21 तारीख की रात को मौत हो गई. एनडीटीवी ने जब साजिद से सवाल किया कि क्या डॉक्टर ने कहीं यह लिख कर दिया है कि छात्रा की मौत की वजह फास्ट फूड है तो उन्होंने कहा कि ऐसा डॉक्टर ने कहीं नहीं कहा और लिखा है. चिकित्सकों ने कहा कि कार्डियक अरेस्ट की वजह से छात्रा की मौत हुई हैं. एनडीटीवी ने दोबारा यह सवाल दोहराया कि जब चिकित्सकों ने कहीं फास्ट फूड खाने से मौत का जिक्र नहीं किया है तो फिर यह बात कैसे उठी? साजिद ने बताया कि अहाना 5-6 साल से लगातार फास्ट फूड खाती थी, घर का खाना उसे पसंद नहीं था तो ऐसे में उनका मानना है कि यही वजह उसकी मौत का कारण बनी है. यानी मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर जो मौत का दावा किया जा रहा है वह पूरी तरीके से गलत है क्योंकि ना तो उसका कोई वैज्ञानिक आधार है और ना ही चिकित्सकों ने ऐसा कहा है बल्कि जो कारण परिजन मौत के दावे के लिए कर रहें हैं, वह उनका निजी विचार है.

फास्ट फूड खाने से मौत संभव है?

दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एवं पैंक्रियाटिको-बिलियरी साइंस के वाइस चेयरपर्सन डॉ. पीयूष रंजन ने बताया कि फास्ट फूड खाने से किसी की मौत का दावा गलत है. फास्ट फूड खाने से आंत सीधे नहीं फटती. इसके फटने का सबसे आम कारण आंतों में रुकावट होता है. फास्ट फूड का अत्यधिक सेवन पाचन को धीमा कर सकता है, जिससे कुछ मामलों में आंतों में रुकावट बनने की आशंका बढ़ सकती है. फास्ट फूड और ज्यादा प्रोसेस्ड फूड खाने से कुपोषण, लिवर की दिक्कत, मोटापा और पाचन तंत्र से जुड़ी दिक्कतें जैसे पेट में गैस, दस्त , एसिड रिफ्लक्स और गर्ड जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

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