AIDMK विवाद में OPS ग्रुप पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, अगले हफ्ते होगी सुनवाई

ओपीएस गुट ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि ईपीएस गुट ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों को गलत समझा. पार्टी के विधायकों, सांसदों को निष्कासित किया जा रहा है. प्राथमिक सदस्यों को निष्कासित किया जा रहा है. वे पार्टी का ढांचा बदल रहे हैं. इस मामले में तुरंत दखल देने की जरूरत है.

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AIDMK विवाद में OPS ग्रुप पहुंचा सुप्रीम कोर्ट...

AIDMK विवाद में OPS ग्रुप सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की गई है.  CJI ने कहा कि अगले हफ्ते सुनवाई करेंगे, हालांकि तारीख बताने से इनकार कर दिया. OPS गुट ने 11 जुलाई के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की, जिसने EPS के पक्ष में फैसला सुनाया. OPS को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया और कोषाध्यक्ष का पद भी चला गया.  अंतरिम महासचिव के पद को पुनर्जीवित किया गया और 'समन्वयक' और 'संयुक्त समन्वयक' के पदों को समाप्त कर दिया गया. पलानीस्वामी के गुट के सदस्यों ने उन्हें संगठन के एकल नेता के रूप में चुन लिया गया है.

ओपीएस गुट ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि ईपीएस गुट ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों को गलत समझा. पार्टी के विधायकों, सांसदों को निष्कासित किया जा रहा है. प्राथमिक सदस्यों को निष्कासित किया जा रहा है. वे पार्टी का ढांचा बदल रहे हैं. इस मामले में तुरंत दखल देने की जरूरत है. 

मद्रास हाईकोर्ट की एकल पीठ ने पनीरसेल्वम द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें आम सभा पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी. उन्होंने कहा कि कोर्ट पार्टी के आंतरिक मामलों में दखल नहीं दे सकता. कानून के अनुसार- एक आम बैठक आयोजित की जा सकती है. उन्होंने फैसला सुनाया कि यदि नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो अदालत का दरवाजा खटखटाया जा सकता है. 

इसके बाद 11 तारीख को अन्नाद्रमुक की आम बैठक हुई और कुल 16 प्रस्ताव पारित किए गए, जिसमें अंतरिम महासचिव के रूप में एडप्पादी पलानीस्वामी का चुनाव भी शामिल था. इसी तरह के एक विशेष प्रस्ताव में ओ पनीरसेल्वम और उनके समर्थकों को पार्टी के मूल सदस्यों के पदों से हटाने के संबंध में दो प्रस्ताव पारित किए गए हैं. इसके बाद दोनों पक्ष ओ पनीरसेल्वम की पार्टी से एडप्पादी पलानीस्वामी के समर्थकों को हटाने की घोषणा करते रहे हैं.  ऐसे में पनीरसेल्वम ने 13 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में अन्नाद्रमुक आमसभा को अनुमति देने के आदेश के खिलाफ अपील दायर की. इसमें कहा गया कि 11 तारीख को हुई अन्नाद्रमुक की आम बैठक में पार्टी के सभी कानूनी नियमों का उल्लंघन किया गया. समन्वयक की अनुमति के बिना बैठक आयोजित करने के लिए अधिकृत नहीं है. आम सभा आयोजित करने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए .

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