Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधिकारियों ने डीएनए नमूनों के आधार पर अब तक 9 पीड़ितों की पहचान कर ली है और शवों को उनके परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले, परिजनों द्वारा पहचान कर लेने के बाद आठ शव अस्पताल ने रिश्तेदारों को सौंप दिये गए थे और इन शवों की डीएनए प्रोफाइलिंग की जरूरत नहीं पड़ी थी. चिकित्सकों ने शनिवार को बताया कि विमान दुर्घटना स्थल से अब तक करीब 270 शव अस्पताल लाए जा चुके हैं.
डाकोर की पूर्णिमाबेन पटेल का शव पहुंचा घर
मिली जानकारी के अनुसार अहमदाबाद प्लेन क्रैश में जान गंवाने वाले लोगों में डाकोर की पूर्णिमाबेन पटेल भी शामिल थी. उनका डीएनए मैच होते ही पहला शव परिजनों को सौंपा गया, जिसे लेकर वो डाकोर स्थित पैतृक आवास पर पहुंचे. पूर्णिमा के शव को डाकोर स्थित उनके निवास धरती रेसिडेंसी पर लाया गया.
स्थानीय अधिकारियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी पहुंचे
एस्कॉर्ट कार के साथ एंबुलेंस में शव लाया गया. जहां उनके रिश्तेदार और बेटे मितेश सहित बेटी किंजल विलाप करते नजर आए. अंतिम संस्कार के दौरान बेटी किंजल ने मां को कंधा दिया. परिवार के सदस्यों के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय डाकोर निवासी अंतिम संस्कार में शामिल हुए.
कलेक्टर अमित प्रकाश यादव, एसपी राजेश गढ़िया, विधायक योगेंद्रसिंह परमार डाकोर नगर परिषद के अध्यक्ष विपुल शाह सदस्य भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए. डाकोर में गोमती तट पर स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा.
विमान में सवार 242 में 241 लोगों की हुई मौत
अहमदाबाद से लंदन जा रहा एअर इंडिया का एक विमान गुरुवार दोपहर सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद शहर के मेघाणीनगर क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज छात्रावास परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. पीड़ितों में विमान में सवार 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से 241 शामिल थे. एक यात्री चमत्कारिक रूप से बच गया.
डीएनए जांच में तेजी के लिए मंत्री ने की बैठक
डीएनए मिलान की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने शनिवार को राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) के अधिकारियों के साथ बैठक की. सिविल अस्पताल के अतिरिक्त सिविल अधीक्षक डॉ. रजनीश पटेल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि छह डीएनए नमूनों के नतीजे आ गए हैं और उन छह पीड़ितों के रिश्तेदारों को शव लेने के लिए फोन पर सूचित कर दिया गया है.
एक पीड़ित परिवार को सौंपा गया शव, दूसरा सुबह आएगा
पटेल ने कहा, ‘‘अन्य पीड़ितों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए डीएनए प्रोफाइलिंग जारी है क्योंकि उनके शव पहचान से परे जल चुके थे. अब तक मिलान प्रक्रिया के बाद छह डीएनए नमूनों के नतीजे आ चुके हैं. हमने इन छह व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों को सिविल अस्पताल से शव लेने के लिए सूचित कर दिया है.'' उन्होंने कहा कि एक पीड़ित का परिवार आज शव ले जाएगा, जबकि दूसरे का परिवार रविवार सुबह शव लेने के लिए अस्पताल पहुंचेगा.
गांधीनगर में एफएसएल में बैठक के बाद मंत्री संघवी ने कहा कि डीएनए मिलान की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात भर से फोरेंसिक विशेषज्ञों के अलावा केंद्र द्वारा भेजे गए कई विशेषज्ञ डीएनए नमूनों के मिलान के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं. जैसे ही नतीजे आते हैं, हम उन्हें सिविल अस्पताल भेज देते हैं, ताकि परिवार शवों का दावा कर सकें.'
उन शवों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए डीएनए प्रोफाइलिंग का काम जारी है, जो पहचान से परे जल गए थे. सिविल अस्पताल में परिजनों से डीएनए नमूने एकत्र करने के बाद, इन नमूनों को मिलान के लिए अहमदाबाद और गांधीनगर में एफएसएल भेजा जाता है.
शुक्रवार तक 220 मृतकों के परिजनों ने डीएनए जांच के लिए किया संपर्क
पुलिस इंस्पेक्टर चिराग गोसाई ने कहा, ‘‘शुक्रवार तक करीब 220 मृतकों के रिश्तेदारों ने अपने नमूने देने के लिए पुलिस से संपर्क किया था.' उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रूम में पहुंचने वाले रिश्तेदारों से विवरण एकत्र किया जाता है और फिर इन लोगों को डीएनए नमूने देने के लिए बीजे मेडिकल कॉलेज भेजा जाता है. इंस्पेक्टर ने कहा, ‘‘डीएनए नमूनों के मिलान की प्रक्रिया पूरी होने में करीब 72 घंटे लगेंगे. एक बार मिलान हो जाने पर शव पोस्टमार्टम कक्ष से परिजनों को सौंप दिए जाएंगे.''
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