'मौत के बाद भी उनका नाम मायने रखता है' : अहमद पटेल पर लगे आरोपों पर बोलीं उनकी बेटी

SIT ने कोर्ट में पेश किए गए हलफनामे में दावा किया है, तीस्ता 2002 के दंगों के बाद राज्य में भाजपा सरकार को गिराने के लिए अहमद पटेल के इशारे पर की गई "बड़ी साजिश" का हिस्सा थीं.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins

अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल.

नई दिल्ली:

कांग्रेस के दिग्गज नेता दिवंगत अहमद पटेल के खिलाफ एक विशेष जांच दल के आरोपों के मद्देनजर, उनकी बेटी ने कहा कि उनका नाम उनकी मौत के बाद भी "राजनीतिक साजिश" के लिए "मायने  रखता है". अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने सवाल किया कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ "इतनी बड़ी साजिश रचने" के लिए उनके पिता पर मुकदमा क्यों नहीं चलाया गया, जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे. 

उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'मुझे लगता है कि अहमद पटेल का नाम अभी भी विपक्ष को बदनाम करने के लिए राजनीतिक साजिशों के लिए इस्तेमाल करने के लिए मायने रखता है. यूपीए शासन के दौरान तीस्ता सीतलवाड़ को अवार्ड क्यों नहीं दिया गया और क्यों उन्हें राज्यसभा का सदस्य नहीं बनाया गया? और इसके अलावा केंद्र ने 2020 तक मेरे पिता पर इतनी बड़ी साजिश रचने के मामले में मुकदमा क्यों नहीं चलाया?'

गुजरात पुलिस ने सीतलवाड़ की जमानत याचिका का विरोध करते हुए पटेल की भूमिका का उल्लेख किया है. तीस्ता को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने हाल ही में 2002 के गुजरात दंगों में लोगों को झूठा फंसाने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

'दिवंगत को भी नहीं बख्शा' : कांग्रेस ने अहमद पटेल पर लगाए गए आरोपों को लेकर PM पर साधा निशाना

SIT ने कोर्ट में पेश किए गए हलफनामे में दावा किया है, तीस्ता 2002 के दंगों के बाद राज्य में भाजपा सरकार को गिराने के लिए अहमद पटेल के इशारे पर की गई "बड़ी साजिश" का हिस्सा थीं. सीतलवाड़ को पूर्व आईपीएस अधिकारियों आरबी श्रीकुमार और संजीव भट्ट के साथ गुजरात दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

Advertisement

गुजरात दंगा : 'अहमद पटेल ने नरेंद्र मोदी सरकार को गिराने की रची थी साजिश'; SIT रिपोर्ट पर BJP हमलावर

बता दें, पिछले महीने, सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य लोगों को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी. यह याचिका कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा जकिया जाफरी द्वारा दायर की गई थी.  एहसान जाफरी 28 फरवरी, 2002 को अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसाइटी में हिंसा के दौरान मारे गए 69 लोगों में शामिल थे. 

Advertisement
Topics mentioned in this article