फसल क्षति के मुआवजे का 10 प्रतिशत खेतिहर मजदूरों को मिलेगा: CM भगवंत मान

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक मई को मजदूर दिवस से पहले यह फैसला मजदूर वर्ग को एक सौगात है, जो फसल के लिए कड़ी मेहनत करता है ‘सरकार तुहाडे द्वार’ कार्यक्रम के तहत चंडीगढ़ के बाहर राज्य मंत्रिमंडल की यह पहली बैठक थी. बैठक राज्य की राजधानी से लगभग 100 किमी दूर लुधियाना के सर्किट हाउस में आयोजित की गई.

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लुधियाना: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में फसल क्षति के लिए कुल मुआवजे का 10 प्रतिशत अब खेतिहर मजदूरों को दिया जाएगा. अपनी सरकार के ‘सरकार तुहाडे द्वार' कार्यक्रम के तहत यहां मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मान ने कहा कि यह फैसला इसलिए किया गया क्योंकि जब भारी बारिश या ओलावृष्टि के कारण फसल खराब हो जाती है, तो खेतिहर मजदूर भी रोजी-रोटी खो देते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक मई को मजदूर दिवस से पहले यह फैसला मजदूर वर्ग को एक सौगात है, जो फसल के लिए कड़ी मेहनत करता है ‘सरकार तुहाडे द्वार' कार्यक्रम के तहत चंडीगढ़ के बाहर राज्य मंत्रिमंडल की यह पहली बैठक थी. बैठक राज्य की राजधानी से लगभग 100 किमी दूर लुधियाना के सर्किट हाउस में आयोजित की गई.

मान ने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि अब से मंत्रिमंडल की ज्यादातर बैठकें चंडीगढ़ के बाहर होंगी क्योंकि इससे अधिकारियों और मंत्रियों को लोगों की शिकायतें सुनने, सुझाव लेने और उनके मुद्दों को मौके पर हल करने का मौका मिलेगा.
 उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मंत्रिमंडल की बैठकें मोगा, मानसा और होशियारपुर जैसे विभिन्न स्थानों पर आयोजित की जाएंगी. हम इन्हें किसी बड़े गांव में भी आयोजित कर सकते हैं. जहां ये आयोजित होंगी, वहां सरकार के प्रतिनिधि एक दिन बिताएंगे.''
मान ने कहा, ‘‘हमने तय किया है कि बेमौसम बारिश या ओलावृष्टि से फसल को हुए नुकसान के लिए सरकार किसानों को जो भी मुआवजा देगी, उसका 10 प्रतिशत मुआवजा खेतिहर मजदूरों को दिया जाएगा.'' मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए, यदि फसल क्षति मुआवजे के रूप में 15,000 रुपये प्रति एकड़ दिए जाते हैं, तो 1,500 रुपये उन खेतिहर मजदूरों को दिए जाएंगे जो खेतों में काम करने वाले थे, लेकिन बारिश के कारण फसल खराब होने के कारण ऐसा नहीं कर पाए.''
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द मजदूरों का पंजीकरण शुरू करेगी ताकि वे राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकें. मान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने अपने अधिकारियों को लेबर चौक, निर्माण स्थल और ग्रामीण क्षेत्रों में जाने और मौके पर उनका पंजीकरण करने को कहा है.''

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मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हम किसी भी फाइल को लटकाते नहीं हैं. पहले फाइल दो-तीन साल लंबित रहती थीं. हम राज्य को विकास के रास्ते पर वापस ला रहे हैं ताकि पंजाब एक बार फिर रंगला (जीवंत) बन सके.''

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