अग्निपथ स्कीम : कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने विपक्ष के पत्र पर हस्ताक्षर से किया इनकार

मनीष तिवारी, इससे पहले भी अग्निपथ योजना की तारीफ करते हुए इसे भविष्‍य को ध्‍यान में रखते हुए उठाया गया कदम बता चुके हैं.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
नई दिल्‍ली:

सशस्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना पर विरोध पत्र को लेकर कांग्रेस पार्टी को सोमवार को बड़ी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब पार्टी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने इस लेटर पर हस्‍ताक्षर करने से इनकार कर दिया. संसद के मानसून सत्र से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को रक्षा संबंधी संसदीय परामर्श समिति के सदस्यों को सैन्य भर्ती के लिए लायी गयी ‘अग्निपथ योजना' के बारे में प्रजेंटेशन दिया , इस दौरान कुछ विपक्षी सांसदों ने इस योजना को तत्काल वापस लेने की मांग की. गौरतलब है कि मनीष तिवारी, इससे पहले भी अग्निपथ योजना की तारीफ करते हुए इसे भविष्‍य को ध्‍यान में रखते हुए उठाया गया कदम बता चुके हैं. NDTV के साथ विशेष बातचीत में मनीष तिवारी ने केंद्र सरकार की  सेना के लिए नई अग्निपथ योजना (Agnipath scheme)को आधुनिक युद्ध की प्र‍कृति में आए भारी बदलाव को देखते हुए सही दिशा में ले जाने का एक कदम बताया था. उन्‍होंने कहा था, "आज के समय और युग में आपको मोबाइल आर्मी, युवा आर्मी की जरूरत है. आपको तकनीकी और हथियारों पर अधिक खर्च की जरूरत होती है. ऐसा तब तक नहीं होगा जब तक आपके पास जमीनी स्‍तर पर बड़ा ढांचा (footprint) है. यहीं आपका ज्‍यादातर पैसा खर्च होता है." 

सूत्रों के मुताबिक इस ज्ञापन पर छह सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं. जिनमें प्रोफेसर सौगत रॉय, सुदीप बंद्योपाध्याय, सुप्रिया सुले, शक्तिसिंह गोहिल, एडी सिंह, रजनी पाटिल शामिल हैं. वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने विपक्ष के ज्ञापन पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. 

Advertisement

सूत्रों के मुताबिक, अग्निपथ योजना पर उठाई गई चिंता के प्रति सरकार की प्रतिक्रिया से नाखुश विपक्षी दलों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक ज्ञापन सौंपकर योजना को वापस लेने की मांग की है. 

Advertisement
Advertisement

मनीष तिवारी ने पिछले माह एनडीटीवी के साथ बातचीत में कहा था, "बीते एक दशक में युद्ध की प्र‍कृति में जो बदलाव आया है, वह बहुत महत्‍वपूर्ण और मौलिक है. यदि आप तीन दशक पीछे के सशस्त्र बलों को देखते हैं तो अब हमेशा तैयार (more mobile) अभियान बल है जो टेक्‍नोलॉजी और आधुनिक हथियारों पर अधिक निर्भर है और इसमें ज्‍यादातर लोग कम उम्र के हैं. ऐसी स्थिति में इस तरह के सुधार की बेहद जरूरत है." उन्‍होंने कहा, "आप इसे पसंद करें या न करें, वन रैंक-वन पेंशन योजना के कारण, बढ़ता पेंशन 'बोझ' मुझे लगता है कि सरकार की गणना से आगे निकल गया होगा "

Advertisement

* भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को SC से बड़ा झटका, अवमानना केस में 4 महीने की जेल, जुर्माना भी
* "बादल फटने की घटना के बाद रुकी अमरनाथ यात्रा नुनवान-पहलगाम बेस कैंप से फिर शुरू
* कोरोनावायरस अपडेट : देश में कोविड-19 से संक्रमित 16,678 नए मरीज मिले

महाराष्ट्र विधायकों की अयोग्यता का मामला: SC का तुरंत सुनवाई से इनकार

Featured Video Of The Day
Nawab Singh की निकली हेकड़ी, 12 करोड़ का आलीशान होटल सीज
Topics mentioned in this article