दो जजों के विरोध के बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठकों को रोका, अब नए सीजेआई करेंगे बैठक

CJI ललित ने सुप्रीम कोर्ट में चार जजों की नियुक्ति के लिए बाकी चार जजों को चिट्ठी लिखी थी. कॉलेजियम के दो जजों ने आपत्ति जताई थी. 

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अब जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के चीफ जस्टिस आफ इंडिया (CJI) बनने के बाद ही कॉलेजियम की बैठक होगी.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठकों को रोक दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने फिलहाल जजों की नियुक्ति की कवायद बंद कर दी है. दो जजों की आपत्ति के बाद कवायद बंद की गई है. अब जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के चीफ जस्टिस आफ इंडिया (CJI) बनने के बाद ही कॉलेजियम की बैठक होगी. CJI ललित ने सुप्रीम कोर्ट में चार जजों की नियुक्ति के लिए बाकी चार जजों को चिट्ठी लिखी थी. कॉलेजियम के दो जजों ने आपत्ति जताई थी. 9 नवंबर को 50 वें CJI के तौर पर जस्टिस चंद्रचूड़ शपथ लेंगे. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने वेबसाइट पर इसका ब्योरा जारी किया है.   


इसमें कहा गया है- 

- 7 अक्टूबर, 2022 को केंद्रीय कानून मंत्री का एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें सीजेआई से अपने उत्तराधिकारी को 9 नवंबर 2022 को सीजेआई का पद संभालने के लिए नामित करने का अनुरोध किया गया है. 

- ऐसी स्थिति में आगे कोई कदम उठाने की जरूरत नहीं है और 30 सितंबर, 2022 को बुलाई गई बैठक में अधूरे काम को बिना किसी विचार-विमर्श के बंद कर दिया जाता है.

- 30 सितंबर, 2022 की बैठक को खत्म किया जाता है. 

- इसमें बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट में जजों के रिक्त पदों को भरने के लिए कुछ समय से अनौपचारिक विचार-विमर्श चल रहा था.

-26 सितंबर, 2022 को एक औपचारिक बैठक हुई, जब 11 जजों के नामों पर विचार किया गया. 
- चूंकि जस्टिस दीपांकर दत्ता, मुख्य न्यायाधीश, बॉम्बे हाईकोर्ट के नाम पर एकमत रहे, इस आशय का एक प्रस्ताव पारित किया गया था .

-अन्य दस जजों के नामों पर विचार 30 सितंबर, 2022 तक के लिए टाल दिया गया था. 

- हालाँकि, चूंकि कॉलेजियम के सदस्यों में से एक ( जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़) बैठक में शामिल नहीं हुए, इसलिए CJI ने पत्र दिनांक 30-09-2022 के माध्यम से एक प्रस्ताव भेजा. 

- इस प्रस्ताव को जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ ने अपने संबंधित पत्र दिनांक 01-10-2022 और 07-10-2022 के माध्यम से सहमति दी लेकिन दिनांक 01-10-2022 के अलग-अलग पत्रों द्वारा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर ने पत्र दिनांक 30.09.2022 में अपनाई गई पद्धति पर अन्य बातों के साथ-साथ आपत्ति जताई.

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