इस साल सितंबर के बाद भारत की सरज़मीं से भी हो सकेंगे 'कैलाश पर्वत' के दर्शन

BRO की हीरक परियोजना के मुख्य अभियंता विमल गोस्वामी ने कहा कि हमने नाभीढ़ांग में केएमवीएन हटस से लिपुलेख दर्रे तक करीब साढ़े छह किलोमीटर लंबी सड़क को काटने का काम शुरू कर दिया है

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जल्द ही भारत से ही कर पाएंगे कैलाश पर्वत के दर्शन
नई दिल्ली:

इस साल सितंबर के बाद से श्रद्धालुओं को भगवान शिव का निवास स्थान माने जाने वाले पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन भारतीय भूभाग से सुलभ हो जाएंगे. अधिकारियों ने बताया कि सीमा सड़क संगठन (BRO) ने पिथौरागढ़ जिले के नाभीढांग में केएमवीएन हटस से भारत-चीन सीमा पर लिपुलेख दर्रे तक सड़क की कटाई का काम शुरू कर दिया है जो सितंबर तक पूरा हो जाएगा.

BRO की हीरक परियोजना के मुख्य अभियंता विमल गोस्वामी ने कहा कि हमने नाभीढ़ांग में केएमवीएन हटस से लिपुलेख दर्रे तक करीब साढ़े छह किलोमीटर लंबी सड़क को काटने का काम शुरू कर दिया है . सड़क का काम पूरा होने के बाद सड़क के साथ-साथ‘कैलाश व्यू प्वाइंट' तैयार होगा. 

हीरक परियोजना को भारत सरकार ने ‘कैलाश व्यू प्वाइंट' विकसित करने की जिम्मेदारी दी है. गोस्वामी ने बताया कि सड़क की कटाई का काफी काम हो चुका है और अगर मौसम अनुकूल रहा तो यह सितंबर तक पूरा हो जाएगा. उन्होंने बताया कि सड़क की कटाई के बाद ‘कैलाश व्यू प्वाइंट'बनाने का काम होगा.

कोविड के कारण स्थगित हुई लिपुलेख दर्रे के जरिए होने वाली कैलाश-मानसरोवर यात्रा दोबारा शुरू नहीं हो पाई है जिसके मद्देनजर ऐसा विकल्प तैयार किया जा रहा है जिससे श्रद्धालुओं को कैलाश पर्वत के दर्शन भारतीय भूभाग से ही मिल सके.

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