कांग्रेस छोड़ने के बाद अब नई पार्टी बनाएंगे गुलाम नबी आज़ाद : सूत्र

गुलाम नबी आजाद ने इस संबंध में सोनिया गांधी को पांच पन्नों की चिट्ठी भी लिखी है, जिसमें राहुल गांधी पर हमला बोला गया है. उन्होंने इस खत में राहुल पर बचकाने व्यवहार का आरोप लगाया और कांग्रेस की 'खस्ता हालात' और में 2014 लोकसभा चुनाव में हार के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया है.

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गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है... (फाइल फोटो)

वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों के मुताबिक- आजाद अब नई पार्टी बनाने जा रहे हैं. बता दें कि गुलाम नबी आजाद काफी लंबे समय से नाराज चल रहे थे. आजाद ने इस संबंध में सोनिया गांधी को पांच पन्नों की चिट्ठी भी लिखी है, जिसमें राहुल गांधी पर हमला बोला गया है. उन्होंने इस खत में राहुल पर बचकाने व्यवहार का आरोप लगाया और कांग्रेस की 'खस्ता हालात' और में 2014 लोकसभा चुनाव में हार के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया है. सोनिया गांधी को लिखी गई 5 पेज की चिट्ठी में गुलाम नबी आजाद ने लिखा है, जनवरी 2013 में राहुल गांधी को आपके द्वारा कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाया गया, उसके बाद पार्टी में मौजूद सलाह-मशविरे के सिस्टम को उन्होंने खत्म कर दिया. सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया गया और बिना अनुभव वाले चाटुकारों की मंडली पार्टी को चलाने लगी.

पार्टी में बदलाव की मांग करने वाले जी-23 समूह में शामिल आजाद ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को संचालित कर रहे कुछ लोगों द्वारा नियंत्रित कांग्रेस ने भारत के लिए हितकारी मुद्दों की खातिर लड़ने की इच्छाशक्ति और क्षमता खो दी है. उन्होंने पत्र में कहा कि पार्टी नेतृत्व को ‘भारत जोड़ो यात्रा' से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा' निकालनी चाहिए थी.आजाद ने कहा कि पार्टी की कमजोरियों पर ध्यान दिलाने के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं को अपशब्द कहे गए, उन्हें अपमानित किया गया और नीचा दिखाया गया. उन्होंने कांग्रेस से अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि पार्टी में किसी भी स्तर पर चुनाव नहीं कराए गए.

आजाद ने कहा कि कांग्रेस में हालात अब ऐसी स्थिति पर पहुंच गए हैं, जहां से वापस नहीं आया जा सकता. उन्होंने कहा कि पार्टी में नेतृत्व के लिए परोक्ष तौर पर अपने प्रतिनिधियों को आगे बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने पार्टी के साथ ‘‘बड़े पैमाने पर हुए धोखे'' के लिए नेतृत्व को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि एआईसीसी के चुने हुए पदाधिकारियों को एआईसीसी का संचालन करने वाले कुछ लोगों द्वारा तैयार की गई सूचियों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया.

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(इनपुट्स भाषा से भी)

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