दिल्ली में लिव-इन पार्टनर आफताब द्वारा श्रद्धा की जघन्य हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. श्रद्धा के कॉलेज के एक दोस्त रजत शुक्ला ने कहा कि वह घरेलू हिंसा की शिकार थी. उसने सहायता को लेकर श्रद्धा के भेजे गए संदेश को भी याद किया जो उसने अपनी हत्या से महीनों पहले भेजा था. रजत शुक्ला ने NDTV को बताया, "उसका शारीरिक शोषण किया गया. उसने यह बात अपने सबसे अच्छे दोस्त को बताई. चूंकि हम एक ही फ्रेंड सर्कल का हिस्सा थे, इसलिए हमें इसके बारे में सूचित किया गया था."
28 वर्षीय आफताब ने मई में 26 वर्षीय श्रद्धा का गला घोंट दिया और उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काट दिया, जिसे उसने दक्षिण दिल्ली के छतरपुर में अपने किराए के आवास पर 300 लीटर के फ्रिज में रखा और 18 दिनों में पास के जंगल में फेंक दिया.
उसने शादी को लेकर झगड़े के बाद श्रद्धा की हत्या कर दी. उसने पूछताछ के दौरान पुलिस के सामने कबूल किया कि उसके शरीर को टुकड़ों में काटने का विचार टीवी शो "डेक्सटर" से प्रेरित था.
रजत शुक्ला ने बताया कि कैसे आफताब की जिंदगी में आने के बाद श्रद्धा बदलने लगी थी. उसने कहा कि घटना के बारे में सोचकर ही आत्मा कांप जाती है. श्रद्धा और मैं एक साथ पढ़ाई करते थे. वह पत्रकार बनना चाहती थी और काफी एक्टिव थी. साल 2018 में उसके जीवन में आफताब आया, जिससे कि उसमें बदलाव आने लगा. लेकिन ये अच्छे बदलाव नहीं थे.
रजत ने कहा कि वह मुरझाने लगी थी. हमें 2019 में इसके बारे में पता चला, शुरुआत में आफताब साधारण इंसान लगा. हमें बताया गया था कि काम के चलते दोनों दिल्ली शिफ्ट हुए थे. जिस तरह से उसकी हत्या की गई है, वह सोचकर आत्मा कांप जाती है. रजत ने इसके पीछे बड़ी साजिश का शक भी जताया और कहा कि यह प्रेम कहानी नहीं हो सकती. किसी प्रेम कहानी का अंत इस तरह नहीं हो सकता है.
26 साल की श्रद्धा वाकर परिवार के साथ महाराष्ट्र के पालघर में रहती थी. एक मल्टीनेशनल कंपनी में कॉल सेंटर में काम करने के दौरान श्रद्धा की आफताब अमीन से मुलाक़ात हुई थी. दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे. जब परिवार को इस रिश्ते के बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने विरोध किया. श्रद्धा ने गुस्से में आकर अपना घर छोड़ दिया और आफताब के साथ रहने लगी. फिर ये अचानक मुंबई छोड़कर दिल्ली आ गए. यहां महरौली के छतरपुर इलाके में रहने लगे थे.