मध्य प्रदेश में फसलों के नुकसान को रोकने में मदद करेंगे अफ्रीकी चीते, 1 नवंबर को भारत आने की उम्मीद

इस खबर से मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में किसानों ने भी राहत की सांस ली है. क्योंकि चीतों के शिकार के लिये किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले काले हिरण को नेशनल पार्क में बसाया जाएगा.

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इन्हें बाड़े में रखा जाएगा, जो कि 500 हेक्टेयर का होगा.
भोपाल:

मध्य प्रदेश को "टाइगर स्टेट" का दर्जा हासिल है, यहां पर देश की 19 फीसद बाघों की आबादी रहती है. वहीं अब ये राज्य अफ्रीका से 20 चीतों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है. राज्य के वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने एनडीटीवी को बताया कि इन चीतों के राज्य के स्थापना दिवस 1 नवंबर को नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से आने की उम्मीद है. वन्यजीव प्रेमियों के लिए ये अच्छी खबर है. इस खबर से मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में किसानों ने भी राहत की सांस ली है. क्योंकि चीतों के शिकार के लिये किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले काले हिरण को नेशनल पार्क में बसाया जाएगा.

वैसे चीतों को बसाने में कई चुनौतियां हैं, सबसे पहली तेंदुए या गुलदार की. एनडीटीवी से खास बातचीत में मध्यप्रदेश के वनमंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा था मध्य प्रदेश सरकार की पूरी तैयारी है चीता लाने की. भारत सरकार और वन विभाग के अधिकारी दक्षिण अफ्रीका औऱ नामीबिया की सरकार की वाईल्ड साइन की पूरी टीम पालपुर कुनो का निरीक्षण कर पूरी रिपोर्ट दे चुकी है. भारत सरकार के वनमंत्री का नामीबिया के साथ एमओयू साइन हो चुका है, आठ चीतों के लिये. 12 चीते दक्षिण अफ्रीका से आने हैं. एमओयू की औपचारिकतायें पूरी की जा रही हैं. एक नवंबर तक चीते एमपी में होंगे. पालपुर कुनो का निरीक्षण हो चुका है. हमने गेट बंद नहीं किये हैं. इसलिए एक कुछ तेंदुए हैं, वहां जिनको जल्दी ही बेहोश कर बाहर कर देंगे. चीते को हम बाहर छोड़ेंगे, ये यहां नये हैं इसलिए उनकी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए बाड़े में रखेंगे ताकि वो विदेश से हिन्दुस्तान की आवोहवा में ढलें. 500 हेक्टेयर का बाड़ा बनाया है. 

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इस एक फैसले से किसानों खासकर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के तीन जिलों- शिवपुरी, गुना और अशोकनगर को काला हिरण, या कृष्णमृग की समस्या का समाधान मिलने की उम्मीद है, वन विभाग ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के तीन जिलों से काले हिरणों को ले जाने और कुनो में अफ्रीकी चीतों के लिए उपयुक्त शिकार के आधार के रूप में उपयोग करने के लिए एक परियोजना पर काम कर रहा है.

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माधव नेशनल पार्क के मुख्य वन संरक्षक सीएस निनामा ने एनडीटीवी को बताया, "हालांकि चीतों को पार्क के अंदर शिकार मिलेगा, लेकिन शिकार के रूप में काले हिरणों की उपलब्धता से फसल के नुकसान की समस्या को हल करने में मदद मिलेगी. काले हिरणों को कुनो नेशनल पार्क और अन्य आदर्श आवासों में स्थानांतरित करके, हम न केवल किसानों की मदद करेंगे, बल्कि उन्हें जंगली कुत्तों के हमले से भी बचाएंगे.

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