मेरठ से गाजियाबाद तक यूपी के 22 जिलों के वकीलों की आज हड़ताल, 45 साल पुरानी मांग को लेकर करेंगे आंदोलन

Advocate Strike in West UP: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अधिवक्ताओं ने आज हड़ताल का आह्वान किया है. इससे मेरठ, गाजियाबाद से लेकर मुरादाबाद, संभल तक न्यायिक कामकाज प्रभावित हो सकता है.

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Advocate Strike in West Uttar Pradesh
गाजियाबाद:

Lawyers Strike in West UP: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों के अधिवक्ताओं ने बुधवार 17 दिसंबर को हड़ताल का ऐलान किया है. मेरठ, बागपत से लेकर गाजियाबाद तक वकीलों की हड़ताल रहेगी. अधिवक्ता वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट की बेंच की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं, जो उनकी 45 साल पुरानी मांग है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट बेंच संघर्ष समिति ने इस हड़ताल की कॉल दी है. मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, हापुड़, बागपत, बुलंदशहर, मुरादाबाद, अमरोहा से लेकर आगरा तक 22 जिलों के वकीलों आज काम नहीं करेंगे. संभल में भी अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे.कोर्ट कचहरी में कामकाज इससे बाधित हो सकता है.  

संघर्ष समिति का कहना है कि हमारी वेस्ट यूपी में लंबे समय से हाईकोर्ट खंडपीठ की मांग को सरकार नजरअंदाज कर रही है. ये मांग किसी एक वर्ग या जिले को लेकर नहीं है, बल्कि पूरे वेस्ट यूपी की जनता की परेशानियों से जुड़ी है. संभल, आगरा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और मुरादाबाद जैसे जिलों से इलाहाबाद हाईकोर्ट जाकर मुकदमे लड़ना और सुनवाई में पेश होना बहुत परेशानी भरा है. अधिवक्ताओं के साथ व्यापारी और सामाजिक संगठन के लोग भी इस हड़ताल के समर्थन में उतर सकते हैं.  

ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन के प्रमुख अब्दुल जब्बार खान का कहना है कि वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट बेंच की मांग 1980 से चली आ रही है. अधिवक्ता कई बार हड़ताल कर चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई आश्वासन अभी तक नहीं मिला है. 1981 में इसके लिए संघर्ष समिति का गठन नहीं हुआ है. इसको लेकर दिल्ली, मेरठ से लेकर लखनऊ तक इसको लेकर विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं. संसद में बीजेपी सांसद अरुण गोविल और लक्ष्मीकांत बाजपेयी भी इसको लेकर आवाज उठा चुके हैं. यूपी में अखिलेश यादव, मायावती से लेकर योगी आदित्यनाथ तक की सरकार को ज्ञापन दिया जा चुका है. 
 

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