शिवसेना यूबीटी गुट के नेता आदित्य ठाकरे ने भारत मे होने जा रही भारत -बांग्लादेश क्रिकेट सीरीज पर सवाल उठाया है. आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर पूछा कि अगर बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्यचार हो रहा है तो फिर बांग्लादेश के साथ क्रिकेट क्यों? विदेश मंत्रालय से बस यह जानने की इच्छा है कि क्या बांग्लादेश में हिंदुओं को पिछले 2 महीनों में हिंसा का सामना करना पड़ा, जैसा कि कुछ मीडिया और सोशल मीडिया ने हमें बताया है?
आदित्य ठाकरे ने कहा कि अगर हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों को हिंसा का सामना करना पड़ा, भाजपा द्वारा संचालित भारत सरकार बीसीसीआई पर इतनी नरमी क्यों बरत रही है और दौरे की अनुमति क्यों दे रही है? यदि नहीं, तो क्या विदेश मंत्रालय बांग्लादेश में हिंसा के बारे में लगातार सोशल मीडिया और मीडिया कहानियों से सहमत है? यहां उनके ट्रोल दूसरे देश-बांग्लादेश में हिंसा के बहाने हम भारतीयों के बीच नफरत पैदा कर रहे हैं, जबकि बीसीसीआई क्रिकेट के लिए उसी बांग्लादेश टीम की मेजबानी कर रहा है.
मुझे आश्चर्य है कि जिन लोगों ने इस हिंसा के खिलाफ सक्रिय रूप से अभियान चलाया है, वे बीसीसीआई से बात क्यों नहीं करते और सवाल क्यों नहीं पूछते? या यह केवल भारत में नफरत पैदा करने और चुनावी प्रचार के बारे में है?