33 साल का सपना पूरा हुआ : विड़िन्यन पोर्ट पर मदरशिप सैन फर्नांडो के भव्य स्वागत के मौके पर करण अदाणी

करण अदाणी ने आगे कहा कि ये पोर्ट विश्व के दूसरे देशों के लिए एक मैसेज की तरह है कि भारत का पहला ऑटोमेटेड कंटेनर ट्रांशिपमेंट और लारजेस्ट डीप वाटर पोर्ट अब कमर्शियल ऑपरेशन के लिए शुरू हो चुका है. 

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नई दिल्ली:

केरल के विड़िन्यम बंदरगाह पर 'सैन फर्नांडो' जहाज का शुक्रवार को भव्य स्वागत किया गया. 'सैन फर्नांडो' जहाज का यह आधिकारिक स्वागत कार्यक्रम था. इस मौके पर अदाणी पोर्ट और SEZ लिमिटेड के प्रबंध निदेशक करण अदाणी समेत केरल के मुख्यमंत्री पेनाराई विजयन और केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल भी मौजूद थे.  इस मौके पर अदाणी पोर्ट और SEZ लिमिटेड के प्रबंध निदेशक करण अदाणी ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है. आज 33 साल का सपना पूरा हुआ है.

उन्होंने कहा कि 1991 में जब इस पोर्ट प्रोजेक्ट की पहली बार घोषणा की गई थी उस दौरान विड़िन्यन देश के दूसरे गांवों की तरह ही था. उस समय किसी ने ये सोचा भी नहीं था कि ये एक दिन विश्व स्तर का पोर्ट बन जाएगा. मैं आपको आज बताना चाहूंगा कि यह पोर्ट आने वाले समय ग्लोबल कंटेनरशिप को लेकर विश्व का टॉप डेस्टिनेशन होने जा रहा है. 

करण अदाणी ने आगे कहा कि किसी ने सोचा नहीं था कि ये पोर्ट वर्ल्ड क्लास बनेगा. आज यह पोर्ट दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर शिपिंग पोर्ट में से एक है. इस पोर्ट पर एडवांस पोर्ट सिस्टम और टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने कहा कि इस पोर्ट जिन क्रेन्स और टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किया जा रहा है, वो देश के किसी भी पोर्ट पर उपलब्ध नहीं है. करण अदाणी ने आगे कहा कि ये पोर्ट विश्व के दूसरे देशों के लिए एक मैसेज की तरह है कि भारत का पहला ऑटोमेटेड कंटेनर ट्रांशिपमेंट और लारजेस्ट डीप वाटर पोर्ट अब कमर्शियल ऑपरेशन के लिए शुरू हो चुका है. 

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करण अदाणी ने कहा कि इस पोर्ट को डेवलप करने के लिए हमे जो सपोर्ट स्थानीय सरकार का मिला है, हम उसके लिए शुक्रगुजार है. मैं इस समर्थन और उनके मार्गदर्शन के लिए केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन जी का धन्यवाद करता हूं. मैं केंद्रीय मंत्री सोनेवाल जी का भी तहेदिल से आभार व्यक्त करना चाहता हूं. उन्होंने हमारी इस यात्रा में शुरू से ही बहुत सहयोग किया है. 

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करण अदाणी ने आगे कहा कि मैं इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर अपने समूह के उन तमाम लोगों का भी धन्यवाद करता हूं जिन्होंने इस पोर्ट ना सिर्फ विकसित करने में बल्कि इसे विश्व स्तर का बनाने में दिन-रात एक करके मेहनत की. उन्होंने आगे कहा कि मुझे आप सभी को ये बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि हमनें इस पोर्ट के पहले चरण का काम इस साल के दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा था लेकिन इसका का हमने दिसंबर से काफी पहले ही पूरा कर लेंगे. अभी तक हम इस पोर्ट हमने 600 मीटर का ऑपेरशनल क्वेलैंड बना लिया है. अब हम लोग 7500 कंटेनर यार्ड स्लॉट बनाने पर तेजी से काम कर रहे हैं, जो यहां आने वाले कार्गो शिप के लिए मददगार रहेंगी. 

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करण अदाणी ने कहा कि 2028- 2029 तक, जब इस बंदरगाह के सभी चार चरणों का काम पूरा हो जाएगा, उस समय तक हम इस पोर्ट पर 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर चुके होंगे. इस पोर्ट का मास्टर प्लॉन पूरा हो चुका है. मैं इसके लिए यहां के स्थानीय लोगों को भी धन्यवाद कहता हूं. इस बंदरगाह के पहले चरण का काम पूरा होने पर 10 लाख TEUs को हैंडल कर रहे हैं. हमें भरोसा है कि 2028-2029 तक 15 लाख TEUs को हैंडल कर पाएंगे. जो 50 फीसदी ज्यादा होगा. 

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करण अदाणी ने कहा मुझे आपको ये बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि हमें आने वाले दिनों में जैसे ही एनवायरमेंट क्लीयरेंस समेत अन्य क्लीयरेंस मिलता है, हम उसके तुरंत बाद ही बैगर किसी देरी के इस पोर्ट को विकसित करने के लिए दूसरे चरण का काम शुरू कर देंगे. मुझे भरोसा है कि हम दूसरे चरण का काम अक्टूबर तक शुरू कर पाएगा. दूसरे चरण का काम शुरू होते ही हम 2000 नौकरियां पैदा कर पाएंगे. 

अदाणी स्किल्ड डेवलपमेंट सेंटर की मदद से हम हजारों पुरुष और महिलाओं को मैरिटाइम सेक्टर के हिसाब से स्किलफुल बना पाएंगे. इन वोकेशनल स्किल की वजह से इन लोगों को भारत के साथ-साथ दूसरे देशों में भी बेहतर विकल्प तलाशने में मदद मिलेगी. जब हमने इस प्रोजेक्ट को शुरू किया था तो उस दौरान अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने इस पोर्ट को भारत के भविष्य का बंदरगाह बनाने का वादा किया था. मुझे ये बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि हमने आज अपना ये वादा पूरा कर दिया है.  
 

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