उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हर्ष विहार इलाके में शुक्रवार को बारिश के पानी से भरे गड्ढे में गिरने और उसमें डूबने से एक ऑटोरिक्शा चालक की मौत के एक दिन बाद दिल्ली सरकार ने शनिवार को कहा कि अगर ठेकेदार और अधिकारी इस मामले में दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री आतिशी के कार्यालय द्वारा शनिवार को जारी एक बयान के अनुसार, घटना के बाद सरकार प्राथमिकता के आधार पर उन्नत सुरक्षा मानदंडों को लागू करेगी. बयान में कहा गया, ‘‘ये मानदंड ऐसी दुर्घटनाओं से बचने में मदद करेंगे.''
गौरतलब है कि शुक्रवार को अजीत शर्मा (51) पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा में एक यात्री को छोड़ने के बाद घर लौट रहे थे, तभी उनका ऑटो-रिक्शा वजीराबाद के पास बारिश के पानी से भरे गड्ढे में फंस गया और जब वह धक्का देने के लिये बाहर निकले तब वह गड्ढे में डूब गए.
शर्मा के भाई ने कहा कि अधिकारियों को गड्ढा ढंक देना चाहिये था या कम से कम लोगों को इसके पास जाने से रोकने के लिये एक चेतावनी संकेत लगाना चाहिये था.
वहीं, शर्मा के 21 वर्षीय बेटे ध्रुव वशिष्ठ ने कहा, ‘‘मेरे पिता झिलमिल औद्योगिक क्षेत्र में एक टेप फैक्टरी में काम करते थे. वर्ष 2012 में उनकी नौकरी चली गई और तब से उन्होंने ऑटो चलाना शुरू कर दिया. हम तीन भाई हैं. हमारी बहन की शादी दो साल पहले हुई थी.''
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा एक फ्लाईओवर के निर्माण के तहत एक स्तंभ खड़ा करने के लिए गड्ढा खोदा गया था, जिसके बाद पिछले सप्ताह दिल्ली में हुई बारिश से गड्ढ़े पानी से भर गया था.
घटना के बाद पुलिस ने कहा कि उन्होंने धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज किया है और पीडब्ल्यूडी समेत इसमें शामिल सभी पक्षों द्वारा की गई लापरवाही की जांच की जाएगी.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और सांसद मनोज तिवारी ने शनिवार को अजीत शर्मा के परिजनों से मुलाकात की और दिल्ली सरकार से एक करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की.
उन्होंने ऑटो-रिक्शा चालक के परिवार के सदस्यों को भाजपा की ओर से सहायता राशि के चेक भी प्रदान किए.
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