राहुल गांधी को संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने के बाद कांग्रेस देशभर में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है. वहीं तमाम विपक्षी पार्टियां भी इस मामले में राहुल गांधी के साथ खड़ी हैं. बिहार में साथ मिलकर सरकार चला रही जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के संबंध में 24 घंटे के अंदर जिस तरह से फैसला लिया गया है, वह दर्शाता है कि केंद्र सरकार हताशा में है.
जेडीयू सांसद ने कहा कि लोकतंत्र की प्रक्रिया होती है, कोर्ट का फैसला चुनाव आयोग में जाता है. चुनाव आयोग के माध्यम से वो स्पीकर के पास जाता है. ये सारी प्रक्रिया 10 घंटे में करना दिखाता है कि इसमें केंद्र सरकार की अहम भूमिका है.
वहीं जेडीयू अध्यक्ष ने तेजस्वी यादव से 'लैंड फॉर जॉब' मामले में सीबीआई की पूछताछ पर कहा कि उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 14 राजनीतिक दलों ने एक साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. मैं भी उसमें याचिकाकर्ता हूं, हमने यही कहा है कि जिस प्रकार केंद्र सरकार ईडी (ED), सीबीआई (CBI) और आईटी (IT) का उपयोग अपने विरोधियों के खिलाफ कर रही है. उस पर ध्यान दिया जाए. 5 अप्रैल को इस पर सुनवाई होगी.
गौरतलब है कि गुजरात के सूरत की एक अदालत द्वारा गुरुवार को मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने और दो साल की जेल की सजा के बाद राहुल गांधी को संसद सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था. हालांकि फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए कांग्रेस नेता को 30 दिन की जमानत दी गई थी.