आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) पर कोर्ट में गलत जानकारी देने का बड़ा आरोप लगाया है. संजय सिंह का आरोप है कि एलजी विजय कुमार सक्सेना साबरमती आश्रम में दंगे में चौथे नंबर के आरोपी हैं. सिंह ने कहा कि आप राजभवन में रहते हैं तो आप खुद को राजा समझने लगे.
संजय सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से इस पूरे मामले में संज्ञान लेने की अपील की है. आप सांसद ने कहा कि यह वही एलजी हैं, जो पिछले दिनों मुकेश गोयल को एफआईआर दर्ज होने का हवाला देकर पीठासीन अधिकारी बनाने से इनकार कर रहे थे. संजय सिंह ने राष्ट्रपति से अपील करते हुए कहा कि एलजी वीके सक्सेना को दंगा मामले में 9 मार्च को कोर्ट की कार्रवाई में शामिल होना चाहिए.
दिल्ली के एलजी ने कोर्ट से की है ये अपील
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर पर कथित हमले के मामले में अहमदाबाद की मेट्रोपॉलिटन कोर्ट से केस की कार्यवाही को स्थगित रखने की अपील की है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अदालत से कहा है कि संवैधानिक पद हैं, जब तक वे दिल्ली के उप राज्यपाल हैं. तब तक इस मामले के ट्रायल को स्थगित रखा जाए. सक्सेना ने हवाला दिया है कि वे राष्ट्रपति द्वारा इस पर नियुक्त किए गए हैं. सक्सेना पिछले साल मई में दिल्ली के उपराज्यपाल बने थे.
अहमदाबाद में चल रहा केस
21 साल पुराने इस मामले की सुनवाई अहमदाबाद में अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पीएन गोस्वामी की अदालत में चल रही है. सक्सेना की अपील के बाद इस मामले की कोर्ट में अगली सुनवाई 9 मार्च को होगी. अतिरिक्त मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गोस्वामी के समक्ष दाखिल अर्जी में सक्सेना ने संविधान के अनुच्छेद 361 (1) के तहत उपराज्यपाल को दी गई छूट का हवाला देते हुए अदालत से उनके खिलाफ मुकदमे को स्थगित रखने की प्रार्थना की. एलजी के वकील अजय चोकसी ने कहा कि अर्जी 1 मार्च को दायर की गई थी.
क्या था पूरा मामला?
21 साल पहले 7 मार्च, 2002 अहमदाबाद स्थित गांधी आश्रम में आयोजित एक शांति बैठक के दौरान कुछ लोगों के समूह ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर का विरोध किया था. नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर ने वीके सक्सेना और दूसरे लोगों पर हमला करने का आरोप लगाया था. इसके बाद सक्सेना समेत चार लोगों के खिलाफ साबरमती पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज थी.