‘आप’ ने अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए आबकारी नीति के नियमों का किया उल्लंघन : लेखी

केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नेता मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) ने आरोप लगाया है कि सीएम केजरीवाल (CM Kejriwal) ने अपने लोगों को फायदा पहुंचाने लिए शराब नीतियों पर बदलाव किए हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेगी.

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केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर आबकारी नीति को लेकर सवाल उठाये हैं.
नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नेता मीनाक्षी लेखी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने नियमों व प्रक्रिया का उल्लंघन कर शराब कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए ‘गुटबंदी' को बढ़ावा दिया. दिल्ली के उप राज्यपाल वी.के.सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की सिफारिश की है, जबकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने उप मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया का बचाव किया है.

मुख्यमंत्री को आड़े हाथ लेते हुए लेखी ने कहा कि शराब के कारोबार में हुए बड़े ‘‘घोटाले'' की वजह से राजकोष को भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा, ‘‘ आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने दिल्ली में शराब कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर ‘गुटबंदी' को बढ़ावा दिया.'' लेखी ने दावा किया कि लाइसेंसधारियों को करीब 144.36 करोड़ रुपये की छूट दी गई जबकि एक कंपनी को पेशगी के तौर पर जमा 30 करोड़ की राशि नियमों और प्रक्रिया का अनुपालन किए बिना लौटा दी गई. उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने 849 शराब की निजी दुकानों को खोलने के लिए शहर को 32 जोन में बांटा था और उनमें से दो जोन का लाइसेंस काली सूची में दर्ज एक कंपनी को दे दिया.

भाजपा के पूर्व दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और उत्तरपूर्वी दिल्ली से लोकसभा सदस्य मनोज तिवारी ने कहा कि सीबीआई जांच से आबकारी नीति को लेकर पैदा हुई आशंकाए दूर हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि इससे यह भी पता चल जाएगा कि क्या कोई घोटाला हुआ था और क्या इससे अर्जित राशि पंजाब विधानसभा चुनाव में व्यय की गई. तिवारी ने कहा, ‘‘केजरीवाल सीबीआई जांच से परेशान क्यों है, यह कई सवालों का जवाब देगी जो दिल्लीवासियों के मन में है, जैसे क्या इस नीति को लागू करने के दौरान घोटाला हुआ था, क्या इससे अर्जित राशि पंजाब चुनाव में खर्च की गई.''

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पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार कोविड-19 के दौरान गरीब प्रवासियों की मदद करने के बजाय शराब के लाइसेंस देने में व्यस्त थी. उन्होंने कहा, ‘‘आरोप है कि सरकार शराब माफिया के साथ सौदेबाजी कर रही थी और अब इसे खत्म करने की जरूरत है. जांच के बाद इसके लिए जिम्मेदार लोगों को अभियोजित करने की जरूरत है. ''उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया गया था कि सिसोदिया पर सीबीआई फर्जी मामला दर्ज करेगी.

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उन्होंने सिसोदिया का बचाव करते हुए कहा था कि वह ‘‘कट्टर ईमानदार'' व्यक्ति हैं जिन्होंने दिल्ली में विश्व स्तरीय शिक्षा विकसित की है. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि सिसोदिया को भी उनके अन्य सहयोगी सत्येंद्र जैन की तरह ‘‘ फर्जी'' मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है. जैन इस समय कथित धनशोधन के एक मामले में जेल में बंद हैं. लेखी ने कहा कि वह नहीं जानती कि कौन जेल जाएगा, लेकिन ऐसे दस्तावेज और हस्ताक्षर हैं जो नयी आबकारी नीति को लागू करने का फैसला लेने और अनियमितता करने में उनकी संलिप्तता को साबित करते हैं. गौरतलब है कि सक्सेना ने आप सरकार द्वारा लाई आबकारी नीति 2021-22 में कथित तौर पर नियमों और प्रक्रिया का उल्लंघन करने के आरोपों की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की है.

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भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि कई खामिया ‘‘शराब माफिया'' को फायदा पहुंचाने के लिए छोड़ी गई. उन्होंने कहा कि पार्टी केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेगी. दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि शराब की दुकानें मास्टर प्लान का उल्लंघन कर गैर अनुकूल वार्ड में खोली गईं.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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