यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा मामले में 900 पेज की चार्जशीट दायर, जानें कैसे हुआ था पेपर लीक?

UP Police Constable Recruitment Exam : यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के कारण लाखों लोग प्रभावित हुए. अब यूपी पुलिस ने इस मामले के आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है.

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यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में चार्जशीट दायर हो गई है.

UP Police Constable Recruitment Exam : यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द किए जाने और एनईईटी-यूजी पेपर लीक होने को लेकर विवाद के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में कथित मास्टरमाइंड रवि अत्री सहित 18 आरोपियों के खिलाफ 900 पेज का आरोप पत्र दायर किया. इस परीक्षा के रद्द होने के बाद करीब 46 लाख लोग प्रभावित हुए. एनडीटीवी ने परीक्षा से दो दिन पहले दर्जनों युवाओं को एक लॉन में बैठकर लीक हुए पेपर को पढ़ते विजुअल चलाए थे.

कौन है मास्टरमाइंड रवि अत्री?

सूत्रों ने कहा कि प्रत्येक उम्मीदवार ने यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के बाद ₹ 7 लाख का भुगतान करने का वादा किया था. यूपी के ग्रेटर नोएडा के निवासी रवि अत्री और प्रयागराज निवासी अभिषेक शुक्ला ने प्रश्न पत्र और उत्तर मुहैया कराए थे. रवि अत्री कथित तौर पर 2015 प्री-डेंटल परीक्षा पेपर लीक मामले में भी शामिल है. इस परीक्षा के पेपर लीक होने मामले में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. प्री-डेंटल परीक्षा पेपर लीक मामले में प्रत्येक उम्मीदवार को 8 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया था. प्री-डेंटल परीक्षा भी रद्द कर दी गई थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी, "परीक्षा की पवित्रता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. युवाओं की कड़ी मेहनत के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा."

ऐसे किया पेपर लीक

आरोप-पत्र के अनुसार पेपरलीक गुजरात के अहमदाबाद के एक स्टोरहाउस से हुआ. शहर के एक फर्म ने प्रश्नपत्रों को प्रिंट किया था और इसे यूपी पहुंचाने का काम ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (TCI) को सौंपा गया था, लेकिन इससे पहले की यह यूपी पहुंचता, इसे लीक कर दिया गया. गिरफ्तार किए गए 18 लोगों में शिवम गिरी और रोहित पांडे शामिल हैं. दोनों तत्कालीन टीसीआई कर्मचारी हैं. वहीं अभिषेक शुक्ला ने पिछले साल जुलाई में अपनी नौकरी छोड़ दी थी. दिल्ली पुलिस कांस्टेबल के सहयोगी महेंद्र जिंद ने उम्मीदवारों से संपर्क किया और उन्हें लीक हुए पेपर की पेशकश की. उसे भी गिरफ्तार किया गया है. एनडीटीवी को बताया गया है कि सभी आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी आरोप लगाए जाएंगे. 

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