Independence Day: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन के लिए टेलीप्रॉम्प्टर की जगह कागज के नोटों का इस्तेमाल किया. लाल किले की प्राचीर से यह उनका नौवां संबोधन था, जो कि उन्होंने पेपर पर लिखे भाषण को पढ़कर दिया. दरअसल पीएम मोदी अक्सर भाषण देने के लिए टेलीप्रॉम्प्टर का ही प्रयोग करते हैं. लेकिन आज उन्होंने पेपर नोट्स के जरिए देश को संबोधित किया. वहीं आजादी के 75 साल पूरे होने पर देशवासियों को बधाई देते हुए अपने भाषण में पीएम ने कहा कि देश कृतज्ञ है मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, असफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल जैसे अनगिनत क्रांति वीरों का, जिन्होंने अंग्रेजों की हुकूमत की नींव हिला दी थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,”अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा, और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए. दूसरा प्राण है किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना.” प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा,” तीसरी प्राण शक्ति- हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए... चौथा प्राण है- एकता और एकजुटता... पांचवां प्राण है- नागरिकों का कर्तव्य, इसमें प्रधानमंत्री भी बाहर नहीं होता है, राष्ट्रपति भी बाहर नहीं है.”
अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है. मदर ऑफ डेमोक्रेसी है. जिनके ज़हन में लोकतंत्र होता है वे जब संकल्प करके चल पड़ते हैं वो सामर्थ्य दुनिया की बड़ी बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर आती है, ये मदर ऑफ डेमोक्रेसी.
पीएम ने कहा कि मैं भाई भतीजावाद, परिवारवाद की बात करता हूं तो लोगों को लगता है मैं सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र की बात कर रहा हूं. दुर्भाग्य से राजनीति की इस बुराई ने हिन्दुस्तान की सभी संस्थाओं में परिवारवाद को पोषित कर दिया है. इससे मेरे देश की प्रतिभा को नुकसान होता है. जो लोग पिछली सरकारों में देश को लूटकर भाग गए, उनकी संपत्तियां ज़ब्त करके वापिस लाने की कोशिश कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है उन्हें लौटाना पड़े वो स्थिति हम पैदा कर रहे हैं. हम भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक कालखंड में कदम रख रहे हैं.
VIDEO: लालकिले से पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को दिलाए 5 प्रण