नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि इस साल अब तक तीन यात्रियों को "नो फ्लाई लिस्ट" में डाला गया है. जबकि बीते साल कुल 63 यात्रियों को इस सूची में डाला गया है. वहीं , मंत्रालय द्वारा राज्यसभा को उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार साल 2017 से कुल 143 लोगों को इस लिस्ट में डाला गया है.
उड्डयन नियामक डीजीसीए की नागरिक उड्डयन आवश्यकताएँ (सीएआर) के अनुसार अनियंत्रित/विघटनकारी यात्रियों से निपटने से संबंधित एयरलाइंस की आंतरिक समितियों द्वारा अनुशंसित सूची में इन यात्रियों को रखा गया था.
सीएआर साल 2027 के सितंबर महीने में अस्तित्व में आया था. इसका गठन उपद्रवी/बाधाकारी यात्रियों से निपटने से संबंधित मुद्दे से निपटने के लिए किया गया था.
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वी के सिंह ने एक लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया, " आज की तारीख तक, 2017 से एयरलाइन की आंतरिक समिति की सिफारिशों के अनुसार, 143 यात्रियों को 'नो फ्लाई लिस्ट' में रखा गया है."
आंकड़ों के अनुसार, एयर इंडिया ने साल 2023 में तीन यात्रियों को सूची में डाला है. वहीं, साल 2022 में इंडिगो एयरलाइंस ने 43 यात्रियों को नो फ्लाई लिस्ट में जोड़ा था. जबकि विस्तारा ने 16 यात्रियों को. वहीं, स्पाइसजेट ने एक यात्री को.
आंकड़ों को देखें तो साल 2021 में कुल 45 लोगों को इंडिगो द्वारा, 19 को विस्तारा और 2 को एयरएशिया द्वारा सूची में रखा गया था. इंडिगो ने 2020 में 10 लोगों को सूची में रखा था और अब बंद हो चुकी जेट एयरवेज ने 2017 में एक यात्री को नो फ्लाई लिस्ट में रखा था.
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