कर्नाटक में एक ही दिन में 5 बाघों की मौत, राज्य सरकार ने दिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश

कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने घटना को ‘बेहद दुखद और अस्वीकार्य’ बताया. उन्होंने कहा कि बाघ संरक्षण के लिए विख्यात राज्य में एक ही दिन में चार बाघों की अप्राकृतिक मृत्यु अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
कर्नाटक सरकार कराएगी जांच,आखिर कैसे हुई बाघों की मौत

कर्नाटक के एम एम हिल्स वन्य क्षेत्र में एक ही दिन यानी गुरुवार (26 जून) को एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई. एक मादा बाघिन और उसके चार शावकों के शव जंगल में मृत अवस्था में पाए गए, जिससे पूरे वन्यजीव संरक्षण तंत्र में हलचल मच गई है. शवों को मीन्यम सेक्शन में पाया गया, जो हूग्यम रेंज के अंतर्गत आता है जो कि चामराजनगर  के एम एम हिल्स वाइल्डलाइफ सेंचुरी में है. पास ही एक मरी हुई गाय भी मिली, जिससे जहर दिए जाने की आशंका और भी प्रबल हो गई है. प्रारंभिक जांच में वन अधिकारियों ने इसे संभावित विषाक्तता (poisoning) का मामला बताया है, लेकिन स्थिति की पूरी सच्चाई जानने के लिए उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी गई है.

कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने घटना को ‘बेहद दुखद और अस्वीकार्य' बताया. उन्होंने कहा कि बाघ संरक्षण के लिए विख्यात राज्य में एक ही दिन में चार बाघों की अप्राकृतिक मृत्यु अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. मैंने तत्काल PCCF (प्रमुख मुख्य वन संरक्षक) के नेतृत्व में एक टीम गठित कर स्थल जांच करने का निर्देश दिया है. यदि यह मामला स्टाफ की लापरवाही का है तो उन पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा. और यदि विषाक्तता या करंट लगने से मौत हुई है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जांच रिपोर्ट 3 दिन के भीतर  सौंपने का आदेश दिया गया है. कर्नाटक में 563 बाघ हैं, जिससे यह देश में दूसरे स्थान पर आता है. यहां के बांदीपुर, नागरहोले और बीआरटी टाइगर रिज़र्व जैसे इलाके बाघों के लिए सुरक्षित माने जाते हैं. मगर एक ही दिन में इतने बाघों की मौत से इन संरक्षित क्षेत्रों की निगरानी प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं.

वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना न केवल सुरक्षा तंत्र में खामी की ओर इशारा करती है, बल्कि यह मानव-वन्यजीव संघर्ष, शिकार, या बीमारियों के खतरे को भी दर्शाती है. खासतौर पर मानसून के मौसम में जब जंगली जानवर इंसानी बस्तियों के नज़दीक आते हैं.सरकार ने प्रभावित क्षेत्र में गश्त बढ़ाने, ड्रोन सर्विलांस और स्वास्थ्य परीक्षण जैसे उपायों को तेज़ करने का निर्णय लिया है. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Dattatreya Hosabale: संविधान की प्रस्तावना में कैसे हुई सेकुलर और सोशलिस्ट की एंट्री? | NDTV India
Topics mentioned in this article