भारत में HMPV के 5 मामलों की पुष्टि, राज्य सरकारें अब अलर्ट पर ; जानिए 10 बड़ी बातें

चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) तेजी से फैल रहा है और अब यह वायरस भारत में भी पैर पसारने लगा है. देश में अब तक इस वायरस के पांच मामले सामने आ चुके हैं. इसके मद्देनजर कई राज्यों ने अलर्ट जारी कर दिया है और स्वास्थ्य विभाग इससे संबंधित सतर्कता बढ़ाने के प्रयासों में जुटा है.

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  1. बेंगलुरु में दो मामलों के बाद गुजरात के अहमदाबाद में भी 2 महीने के एक बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. साथ ही तमिलनाडु में भी दो बच्चों में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई है. इसमें से एक चेन्नई का मामला है तो दूसरा सलेम जिले का. सरकार ने बताया कि दोनों की स्थिति स्थिर है और दोनों पर निगरानी रखी जा रही है.
  2. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने सोमवार को भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामले सामने आने के बाद कहा कि सरकार इस स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है और इसको लेकर किसी भी प्रकार की चिंता की बात नहीं है. उन्होंने बताया कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है और देश में सामान्य श्वसन वायरस में कोई अप्रत्याशित वृद्धि नहीं देखी गई है.
  3. एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) एक वायरल रोगाणु है जो सभी आयु वर्ग के लोगों में श्वसन संक्रमण का कारण बनता है. इस वायरस का पहला पता 2001 में चला था. यह पैरामाइक्सोविरिडे परिवार से संबंधित है और ‘रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस' (आरएसवी) से निकटता से जुड़ा हुआ है. एचएमपीवी खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों के साथ-साथ दूषित सतहों को छूने या संक्रमित व्यक्तियों के सीधे संपर्क में आने से फैलता है. यह वायरस मामूली श्वसन समस्याओं से लेकर गंभीर जटिलताओं तक का कारण बन सकता है.
  4. एचएमपीवी के लक्षण व्यक्ति की उम्र, सामान्य स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के आधार पर भिन्न हो सकते हैं. हल्के मामलों में आमतौर पर नाक बहना, गले में खराश, खांसी और बुखार जैसे सामान्य सर्दी के लक्षण होते हैं. मध्यम लक्षणों में लगातार खांसी और थकान शामिल हो सकती है, जबकि गंभीर मामलों में श्वसन संबंधी जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं.
  5. एचएमपीवी अन्य श्वसन वायरस जैसे आरएसवी और इन्फ्लूएंजा के समान फैलता है. संचरण मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्तियों की श्वसन बूंदों या दूषित सतहों के संपर्क से होता है. इसके प्रसार को रोकने के लिए हाथों की स्वच्छता बनाए रखना, छींकते या खांसते समय मुंह और नाक को ढंकना, मास्क पहनना, और संक्रमित व्यक्तियों से निकट संपर्क से बचना आवश्यक है. बार-बार छुई जाने वाली सतहों को नियमित रूप से कीटाणुरहित करना भी महत्वपूर्ण है.
  6. फिलहाल एचएमपीवी के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवा या टीका उपलब्ध नहीं है. उपचार सहायक होता है और संक्रमण की गंभीरता पर निर्भर करता है. हल्के मामलों में आराम और बुखार, नाक बंद होने की समस्याओं के लिए ओवर-द-काउंटर दवाएं प्रभावी होती हैं.
  7. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने स्वास्थ्य और एफई विभाग को दिल्ली में पूरी व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह के अनुसार सभी अस्पतालों को श्वसन संबंधी बीमारी में किसी भी संभावित वृद्धि से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहिए.
  8. केरल की सरकार ने कहा है कि चीन में वायरल बुखार और श्वसन संक्रमण के बड़े पैमाने पर मामले आने की खबरों पर वे बारीकी से नजर रखे हुए हैं और फिलहाल घबराने की कोई जरूरत नहीं है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा कि चीन में सामने आये किसी भी वायरस के बारे में अब तक ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है, जिसमें इसके महामारी का रूप लेने या अन्य क्षेत्रों में तेजी से फैल सकने की बात कही गई हो.
  9. तमिलनाडु सरकार ने ह्यूमेन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के बारे में जानकारी दी है कि राज्य में इसके दो मामले सामने आए हैं. एक चेन्नई और एक सलेम में इस वायरस के संक्रमित पाए गए हैं. हालांकि, राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि यह वायरस कोई नया नहीं है.
  10. एचएमपीवी पहले से ही भारत सहित विश्व स्तर पर देखने को मिल रहा है. वहीं एचएमपीवी से जुड़ी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले विभिन्न देशों, विशेष रूप से चीन में रिपोर्ट किए गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, एचएमपीवी वायरस मुख्य रूप से पीड़ित व्यक्ति के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है. इसके लक्षण कई मामलों में कोविड-19 के समान ही होते हैं. हालांकि, ये वायरस मुख्य रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों को संक्रमित करता है.
  11. चार साल बाद एक बार फिर खतरनाक नया वायरस एचएमपीवी, दुनिया में दहशत पैदा कर रहा है. इस वायरस का कनेक्शन भी चीन से है, ऐसा कहा जाने लगा है. सांसों पर आफत का सबब बनने वाले वायरल का पूरा नाम ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) है. भारत में भी लोग चिंतित हैं. उन्हें कोरोना का दौर याद आने लगा है.
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