दिल्ली के लोक नायक अस्पताल (LNJP) में ओमिक्रॉन रोगियों (Omicron Patients) को अब तक मल्टी-विटामिन (Multi-vitamins) और पैरासिटामोल टैबलेट (Paracetamol) ही एकमात्र इलाज है, डॉक्टरों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. एलएनजेपी अस्पताल में अब तक ओमिक्रॉन के 40 मामले सामने आए हैं. इनमें से 19 मरीजों को पहले ही छुट्टी मिल चुकी है. अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि लगभग 90 प्रतिशत मरीज बिना लक्षण वाले हैं और बाकी में "गले में खराश, निम्न-श्रेणी का बुखार और शरीर में दर्द" जैसे हल्के लक्षण दिखाई दिए हैं.
उन्होंने कहा कि उपचार में केवल मल्टी-विटामिन और पैरासिटामोल टैबलेट शामिल थे. हमें उन्हें कोई अन्य दवा देने की आवश्यकता नहीं लगी. ज्यादातर मरीज वे हैं, जिनकी विदेशों से आने पर एयरपोर्ट पर कोविड-19 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. एक को छोड़कर, सभी वैक्सीन ले चुके थे. उनमें से लगभग दो-तिहाई ने फाइजर-बायोएनटेक COVID-19 वैक्सीन ली हुई है. तीन ने फाइजर वैक्सीन के बूस्टर शॉट भी लिए हैं.
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एक सूत्र ने कहा कि मरीजों में अफ्रीकी देश का एक सांसद, एक उत्तर भारतीय राज्य के एक शाही परिवार का सदस्य और नौकरशाहों के परिवार के सदस्य शामिल हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में अब तक 67 ओमिक्रॉन के मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 23 को ठीक होने पर छुट्टी दे दी गई है.
एलएनजेपी अस्पताल के अलावा, सर गंगा राम सिटी अस्पताल, मैक्स अस्पताल साकेत, वसंत कुंज में फोर्टिस अस्पताल और तुगलकाबाद में बत्रा अस्पताल ने भी दिल्ली सरकार के आदेश के बाद ओमिक्रॉन के संदिग्ध मामलों का इलाज और इलाज के लिए सुविधाएं स्थापित की हैं. दिल्ली में सभी COVID-19-संक्रमित लोगों के नमूनों की जीनोम अनुक्रमण 22 दिसंबर से किया जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि समुदाय में नया ओमिक्रॉन वेरिएंट फैल गया है या नहीं.
लोक नायक अस्पताल में दिल्ली सरकार द्वारा संचालित प्रयोगशालाएं और लिवर और पित्त विज्ञान संस्थान प्रत्येक दिन 100 नमूनों का सीक्वेंस कर सकते हैं. शहर के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के अनुसार, दिल्ली में केंद्र द्वारा संचालित दो प्रयोगशालाएं एक दिन में 200-300 नमूनों का सीक्वेंस कर सकती हैं.
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तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन वेरिंएट के कारण कोविड के मामलों में वृद्धि की आशंका जताते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार ने एक लाख रोगियों को संभालने और रोजाना तीन लाख परीक्षण करने और पर्याप्त मैनपावर, दवाओं और ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तैयारी की है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि कोरोनावायरस का नया वेरिएंट तेजी से फैलता है और दावा किया कि यह "बहुत हल्का" संक्रमण है, कम अस्पताल में भर्ती और मौतों का कारण बनता है. इसलिए, सरकार अपने होम-आइसोलेशन मॉड्यूल को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और रोगियों को उनके घरों पर इलाज के लिए एजेंसियों को नियुक्त करने के निर्देश जारी किए गए हैं.
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