हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में गत चार महीने में एनडीपीएस अधिनियम के तहत 219 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 317 कथित मादक पदार्थ तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उन मादक पदार्थ उपयोगकर्ताओं की पहचान की जा रही है, जो नशे का खर्च उठाने लिए स्वयं मादक पदार्थ के विक्रेता बन रहे हैं.
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने बताया कि शिमला में पिछले साल इसी अवधि के मुकाबले एनडीपीएस के मामलों में 62 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उन्होंने बताया कि एनडीपीएस मामलों में 90 प्रतिशत चिट्टा(मिलावटी हेरोइन) संबंधी हैं. गांधी ने बताया, ‘‘एक जनवरी से 28 अप्रैल के बीच एनडीपीएस के तहत दर्ज 219 मामलों में 10 महिलाओं और दूसरे राज्यों के 72 मादक पदार्थ तस्करों सहित कुल 317 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 93 मामले दर्ज किए गए थे और 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. राज्य में एनडीपीएस के तहत दर्ज कुल प्राथमिकी में अकेले 30 प्रतिशत शिमला में दर्ज किए गए.''
गांधी ने बताया कि जिले में करीब 300 मादक पदार्थ तस्करों की सूची तैयार की गई है और उनपर नजर रखी जा रही है. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में एनडीपीएस (स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम) के तहत हर साल औसतन 1500 मामले दर्ज होते हैं और करीब 2000 लोगों की गिरफ्तारी होती है.
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