- जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के खड़ोनी में तीन गाड़ियों की आपस में टक्कर हो गई.
- इस हादसे में दस अमरनाथ यात्री घायल हो गए. घायल यात्रियों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
- अमरनाथ यात्रा तीन जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी. इस वर्ष सुरक्षा कारणों से यात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है.
अमरनाथ यात्रा के दौरान जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार को तीर्थयात्रियों के काफिले में शामिल तीन बसों की आपस में टक्कर हो गई. जिसमें 10 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए. हादसा कुलगाम ज़िले के खुदवानी क्षेत्र में टाचलू क्रॉसिंग के पास उस समय हुआ. जब बालटाल की ओर बढ़ रहा तीर्थयात्रियों का काफिला तेज़ी से आगे बढ़ रहा था. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक बस के अचानक ब्रेक लगाने से पीछे आ रही दो अन्य बसें उससे टकरा गईं. वही एक और जानकारी के मुताबिक यह हादसा गाडियों के ओवर टेक के चककर में हुआ हैं.
घायलों की हालत स्थिर
स्थानीय प्रशासन और राहत दलों ने मौके पर पहुंचकर घायलों को स्थानीय अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि प्राथमिक उपचार के बाद सभी घायलों को गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) अनंतनाग रेफर कर दिया गया है. डॉक्टर ने जानकारी दी “घायलों को सामान्य चोटें आई हैं और सभी की हालत स्थिर है. उन्हें आगे की चिकित्सकीय देखरेख के लिए जीएमसी भेजा गया है.” घटना के बाद संबंधित अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और काफिले की आवाजाही को थोड़े समय के लिए नियंत्रित किया गया.
3 जुलाई से शुरू हुई है यात्रा
बता दें कि अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो गई है. इस पवित्र यात्रा में अब तक 1.63 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए हैं. इसके साथ ही शनिवार को जम्मू से 6,639 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था कश्मीर के लिए रवाना हुआ. पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वाले लोग चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होकर गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं और 46 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करते हैं. तीर्थयात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं.
वहीं, छोटे बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और यात्रा पूरी करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौटना पड़ता है. सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है. अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई और 38 दिनों के बाद 9 अगस्त को समाप्त होगी, जो श्रावण पूर्णिमा और रक्षा बंधन का दिन है.
यह यात्रा पहलगाम हमले के बाद हो रही है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी.