देश के 6 राज्यों की अदालतों में खाली हैं न्यायिक अधिकारियों के 26 फीसदी पद

हंसारिया और अधिवक्ता स्नेहा कलिता द्वारा दायर रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार में 2016 स्वीकृत पदों के मुकाबले 449 रिक्तियां हैं और तमिलनाडु में 1340 स्वीकृत पदों में से 272 न्यायिक अधिकारियों के पद खाली पड़े हैं.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
नई दिल्ली:

देश के छह राज्यों में अधीनस्थ न्यायपालिका में न्यायिक अधिकारियों के स्वीकृत पद खाली पड़े हैं. इन खाली पदों की जानकारी उच्चतम न्यायालय को भी दे दी गई है. उच्चतम न्यायालय को बताया गया है कि इन राज्यों में न्यायिक अधिकारियों के स्वीकृत 7,881 पदों में से 26 प्रतिशत से अधिक खाली है. बता दें कि मध्य प्रदेश की अधीनस्थ न्यायपालिका में 2,021 न्यायिक अधिकारियों के स्वीकृत पद हैं जिनमें से 671 खाली हैं. वहीं 929 अधिकारियों के स्वीकृत पद वाले आडिशा में 174 पद रिक्त हैं.

अधीनस्थ न्यायपालिका में रिक्तियों को भरने से संबंधित मामले में चार न्यायमित्रों में से एक, वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया की ओर से शीर्ष अदालत में दायर हलफनामे में ओडिशा, मध्य प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, पंजाब और हरियाणा में ऐसी रिक्तियों और आवश्यक बुनियादी ढांचों की स्थिति रिपोर्ट दी गई है.

हंसारिया और अधिवक्ता स्नेहा कलिता द्वारा दायर रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार में 2016 स्वीकृत पदों के मुकाबले 449 रिक्तियां हैं और तमिलनाडु में 1340 स्वीकृत पदों में से 272 न्यायिक अधिकारियों के पद खाली पड़े हैं. पंजाब में अधीनस्थ अदालतों के न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 797 है, जबकि रिक्तियां 209 और हरियाणा में स्वीकृत पद 778 और रिक्तियां 308 पदों की हैं.

शीर्ष अदालत ने गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान हलफनामे को रिकॉर्ड में लिया था. हंसारिया ने कहा कि उच्च न्यायालय और राज्य सरकार को एक समय सीमा के भीतर एक संयुक्त बैठक आयोजित करने और शीर्ष अदालत को एक रिपोर्ट के माध्यम से उठाए गए कदमों का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जा सकता है.

Featured Video Of The Day
Justice BV Nagarathna ने सुनाई 2 वकीलों की रोचक कहानी, एक बने राष्ट्रपति तो दूसरे CJI | EXCLUSIVE
Topics mentioned in this article