जोशीमठ में सेना की करीब दो दर्जन इमारतों में आई दरारें, सैनिकों को अस्‍थायी तौर पर शिफ्ट किया गया : जनरल मनोज पांडे

सेना प्रमुख जनरल पांडे ने कहा, "25 से 28 बिल्डिंगों (सेना की) में मामूली दरारें आई हैं और सैनिकों को अस्‍थायी तौर पर स्‍थानांतरित किया जा रहा है. " 

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नई दिल्‍ली:

Joshimath News: उत्‍तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने के बाद भारतीय सेना की कई इमारतों में मामूली दरारें देखने में आई हैं. इसके चलते सैनिकों को अस्‍थायी रूप से दूसरी जगह पर शिफ्ट किया गया है. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को  यह बात कही. वार्षिक सेना दिवस पर प्रेस कॉन्‍फ्रेंस को संबोधित करते हुए जनरल पांडे ने कहा, "25 से 28 बिल्डिंगों (सेना की) में मामूली दरारें आई हैं और सैनिकों को अस्‍थायी तौर पर स्‍थानांतरित किया जा रहा है. जरूरत हुई तो उन्‍हें स्‍थायी तौर पर औली में शिफ्ट किया जाएगा." 

मौजूदा संकट के बावजूद, सेना प्रमुख ने जोर देकर कहा कि अग्रिम क्षेत्रों में सेना की पहुंच प्रभावित नहीं हुई है. उन्‍होंने कहा कि जहां तक बायपास रोड की बात है, अस्‍थायी तौर पर काम रोक दिया गया है लेकिन अग्रिम क्षेत्रों तक हमारी पहुंच और अभियान की तैयारी प्रभावित नहीं हुई है." जनरल पांडे ने यह भी कहा कि सेना, मौजूदा संकट को लेकर स्थानीय प्रशासन को हर संभव सहायता प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है.इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ में परिवारों के लिए जहां  45 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की, जहां घरों और सड़कों में बड़ी दरारें दिखाई दीं. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में भूमि धंसाव से प्रभावित करीब 3,000 परिवारों के लिए राहत पैकेज जारी किया गया है. उन्‍होंने कहा, "फिलहाल, प्रति परिवार 1.50 लाख रुपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है. स्थायी विस्थापन नीति तैयार होने से पहले प्रभावित क्षेत्र में भूस्खलन के कारण प्रभावित भूमि मालिकों या परिवारों को 1 लाख रुपये की अग्रिम राशि दी गई है."

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य आपदा प्राधिकरण (State disaster authority) की ओर से हर परिवार को सामान के परिवहन और उनके भवनों की तत्काल जरूरतों के लिएएकमुश्त विशेष अनुदान के रूप में 50,000 रुपये दिए गए हैं. बता दें, जोशीमठ शहर क्षेत्र में भूस्खलन के कारण 720 से अधिक ऐसी इमारतों की पहचान की गई है जिनमें दरारें आ गई हैं. राहत और पुनर्वास के के तहत निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. भूवैज्ञानिक और विशेषज्ञ पारिस्थितिक रूप से नाजुक क्षेत्र में धंसने के कारणों का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं.अधिकारियों ने क्षेत्र में कंस्‍ट्रक्‍शन प्रोजेक्‍ट्स को रोक दिया है. सरकार ने जोशीमठ भूधंसाव मामले में  एक समिति का गठन किया है. 

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