देश में 1901 के बाद से साल 2022 को पांचवा सबसे गर्म वर्ष दर्ज किया गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 1901 से ही मौसम संबंधी रिकॉर्ड रखना शुरू किया था. मौसम विभाग कार्यालय ने 2022 के दौरान भारत की जलवायु पर दिए एक बयान में कहा कि जमीन की सतह का वार्षिक औसत तापमान लंबी अवधि के औसत से 0.51 डिग्री सेल्सियस अधिक था, जो कि 1981-2010 की अवधि का औसत तापमान है.
हालांकि, यह 2016 में भारत में दर्ज किए गए अधिकतम गर्म दिनों से कम था जब औसत तापमान 0.71 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया था.
वर्ष 2022 की सर्दियों के मौसम - जनवरी से फरवरी के दौरान अखिल भारतीय स्तर पर औसत तापमान -0.04 डिग्री सेल्सियस की विसंगति के साथ सामान्य था. मॉनसून के पहले मार्च से मई के दौरान तापमान 1.06 डिग्री सेल्सियस की विसंगति के साथ सामान्य से अधिक था. वर्ष 2022 में पूरे देश में हुई वर्षा 1971-2020 की अवधि के आधार पर दीर्घावधि औसत का 108 प्रतिशत थी.
वर्ष 1965-2021 के आंकड़ों के आधार पर 11.2 के सामान्य के मुकाबले पिछले वर्ष भी 15 चक्रवात संबंधी घटनाएं देखी गईं, जिनमें तीन चक्रवाती तूफान और उत्तर हिंद महासागर के ऊपर बने निम्न दबाव के 12 क्षेत्र शामिल हैं.
इनके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों में अत्यधिक भारी वर्षा, बाढ़, भूस्खलन, बिजली गिरने, आंधी और सूखे जैसी मौसम संबंधी असामान्य घटनाओं का भी अनुभव किया गया.