दक्षिणी भारत के तमिलनाडु राज्य (Tamil Nadu Rain) के दक्षिणी जिलों में आई अभूतपूर्व बाढ़ के मद्देनजर सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, यानी NDRF मिलकर बचाव अभियान चला रही हैं. राज्य के अलग-अलग इलाकों में अब भी कम से कम 20,000 लोग फंसे हुए हैं, और उफनती ताम्रबरनी नदी से 1.2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के चलते हालात ज़्यादा जटिल हो गए हैं.
तूतीकोरिन के कलेक्टर जी. लक्ष्मीपति ने NDTV को बताया, "श्रीवैकुंठम और आसपास के इलाके सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं, लेकिन किसी की जान को कोई खतरा नहीं है... हम शायद आज इन इलाकों तक सप्लाई पहुंचाने में कामयाब हो जाएंगे... हवाई मार्ग से भोजन और राहत पहुंचाना जारी है..."
श्रीवैकुंठम में इलाके का बड़ा हिस्सा बाढ़ के पानी में डूब गया है. सेना और NDRF टीमें दुर्गम इलाकों तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं, जहां फंसे हुए लोग सुरक्षित निकाले जाने का इंतज़ार कर रहे हैं. ज़मीनी पहुंच से कटे हुए लोगों तक भोजन व राहत सामग्री जैसा ज़रूरी सामान पहुंचाने के लिए हवाई आपूर्ति जारी है.
बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों तक पहुंचने में जुटीं तूतीकोरिन की सांसद एम.के. कनिमोई ने NDTV से बातचीत में कहा, "हर काम चुनौती है, चाहे वह भोजन लाना हो, लोगों तक पहुंचना हो, या उन्हें सुरक्षित निकालना हो... हमने उन इलाकों में हवाई मार्ग से भोजन गिराना शुरू कर दिया है, जहां नावें भी नहीं पहुंच पा रही हैं... कल दमकल की एक गाड़ी भी पानी में बह गई थी... NDRF तक वहां नहीं पहुंच सका..."
चक्रवात मिगज़ॉम से हुई तबाही से जूझ रहे चेन्नई और इसके आस-पास के इलाके मूसलाधार बारिश से प्रभावित हैं. ऐसी बारिश पिछले 47 साल में पहली बार हुई है. क्षति बहुत व्यापक है, जिसके चलते तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को तुरंत मदद के लिए केंद्र सरकार से अपील करनी पड़ी है.
मुख्यमंत्री ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट X (अतीत में ट्विटर) पर पोस्ट किया, "हालांकि स्थायी क्षति के व्यापक आकलन में समय लगेगा, हम जीवनयापन तथा अभूतपूर्व बाढ़ से प्रभावित सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की मरम्मत के लिए NDRF से 2,000 करोड़ रुपये की अंतरिम सहायता का अनुरोध करते हैं..."
मंगलवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने अपने ज्ञापन में गंभीर हालात का ज़िक्र किया और चुनौतीपूर्ण वक्त में तमिलनाडु की ज़रूरतों पर ध्यान देने के लिए PM का आभार व्यक्त किया. हालिया चक्रवात के साथ-साथ दक्षिणी जिलों में हुई भारी बारिश के चलते मरम्मत और पुनर्वास के लिए त्वरित कार्रवाई और धन के आवंटन की आवश्यकता है.
प्रभावित जिलों में राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) और NDRF टीमों के नेतृत्व में बचाव और राहत अभियान चल रहा है. पानी में डूबी हुई सड़कों के बावजूद प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है.